Edited By Jyoti,Updated: 09 Feb, 2021 02:35 PM
जब भी व्यक्ति सुबह उठता है तो यही उम्मीद करता है कि इस सुबह के साथ उसके तमाम सपने पूरे हो। जो सपने सकारात्मक होते हैं या खुली आंखों से देखे जाते हैं उन्हें दिल और दिमाग में रखना आसान होता है
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जब भी व्यक्ति सुबह उठता है तो यही उम्मीद करता है कि इस सुबह के साथ उसके तमाम सपने पूरे हो। जो सपने सकारात्मक होते हैं या खुली आंखों से देखे जाते हैं उन्हें दिल और दिमाग में रखना आसान होता है परंतु कुछ सपने ऐसे भी होते हैं जो व्यक्ति के मन और मस्तिष्क पर नकारात्मक वह बुरा प्रभाव डालते हैं। ऐसे में व्यक्ति चाहता है कि वह अपने जीवन और मस्तिष्क पर पड़ रही इस नकारात्मक प्रभाव को जल्द से जल्द दूर करें। लेकिन ऐसा कर पाना इतना भी सरल नहीं होता क्योंकि कहा जाता है सकारात्मक प्रभाव हमारे जीवन पर इतना प्रभाव नहीं डालता। जितना नकारात्मक प्रभाव हमारा जीवन प्रभावित करता है।
इसलिए बहुत आवश्यक होता है कि इन बुरे प्रभावों से खुद को बचाया जा सके। ज्योतिष शास्त्र में नकारात्मक प्रभाव से छुटकारा पाने का एक सटीक तरीका बताया गया है। जी हां कहा जाता है कि अगर व्यक्ति प्रात उठकर सूर्य देवता की उपासना करता है तो उसके मन मस्तिष्क पर पड़ रहे हर तरह के बुरे प्रभाव का नाश हो जाता है।
आज हम आपको सूर्य देवता की एक ऐसी ही स्थिति के बारे में बताने जा रहे हैं जो अगर सुबह जातक सूर्योदय के समय करता है तो उसके जीवन से नकारात्मकता दूर हो जाती है।
आइए जाने कौन सी है यह स्तुति-
आदित्यः प्रथमं नाम, द्वितीयं तु दिवाकरः
तृतीयं भास्करं प्रोक्तं, चतुर्थं च प्रभाकरः
पंचमं च सहस्त्रांशु, षष्ठं चैव त्रिलोचनः
सप्तमं हरदिश्वश्च, अष्टमं च विभावसुः
नवमं दिनकृत प्रोक्तं, दशमं द्वादशात्मकः
एकादशं त्रयीमूर्त्तिर्द्वादशं सूर्य एव च
द्वादशैतानि नामानि प्रातःकाले पठेन्नरः
दुःस्वप्ननाशनं सद्यः सर्वसिद्धि प्रजायते
मान्यता है सूर्य देव की इस स्तुति से जातक को बुरे स्वप्न भी परेशान नहीं करते। न ही जीवन पर नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव रहता है।