Edited By Lata,Updated: 01 Sep, 2019 05:28 PM
रविवार का दिन भगवान सूर्य की पूजा का दिन माना जाता है। कहते हैं कि वैसे तो हर रोज सूर्य को जल चढ़ाने से व्यक्ति को लाभ मिलता है।
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रविवार का दिन भगवान सूर्य की पूजा का दिन माना जाता है। कहते हैं कि वैसे तो हर रोज सूर्य को जल चढ़ाने से व्यक्ति को लाभ मिलता है। लेकिन रविवार के दिन जल में लाल सिंदूर मिलाकर चढ़ाने से व्यक्ति के सारे रोग दूर हो जाते हैं। जैसे कि सब जानते हैं कि हिंदू धर्म में हर देवी-देवता के कई मंदिर विख्यात हैं। ठीक वैसे ही भगवान सूर्य का एक बहुत ही प्रसिद्ध मंदिर है, जिसके बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं।
बिहार के लखीसराय जिले में एक गांव है, जिसका नाम पोखरामा है। यह गांव सूर्यवंशियों का गढ़ माना जाता है। इसी गांव में एक प्राचीन सूर्य मंदिर है, जिसकी ख्याति दूर-दूर तक प्रसिद्ध है। कहते हैं कि छठ पूजा के दिन यहां पर दूर-दूर से लोग पूजन करने आते हैं और भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। इसके निर्माण के पीछे एक बहुत पौराणिक मान्यता है, जिसके बारे में शायद ही लोग जानते होंगे तो चलिए आज हम आपको बताते हैं इसके पीछे की जुड़ी कथा के बारे में।
कहते हैं कि मोतिहारी स्थित भारतीय स्टेट बैंक के मैनेजर रामकिशोर सिंह ने इसका निर्माण करवाया था। सन 1998 में रामकिशोर को एक दिन सपने में साधु दिखाई दिया। उस साधु ने रामकिशोर को सपने में अपनी जमीन पर सूर्य मंदिर बनाने का कहा। सुबह उठते ही रामकिशोर ने यह बात अपने घरवालों को बताई और फिर उन्होंने पोखरामा गांव में अपनी जमीन पर सूर्य मंदिर की नींव डाली। मंदिर निर्माण में काफी पैसे लगने थे , ऐसे में मैनेजर ने अपने पीएफ की सारी राशि सूर्य मंदिर निर्माण कार्य में लगा दी। कृषि योग्य उपजाऊ कीमती जमीन पर करीब 20 लाख रुपये की लागत से वहां भव्य सूर्य मंदिर बनकर तैयार हो गया। मंदिर बनते ही लोगों की भीड़ वहां आनी शुरू हो गई। साल भर साल में ही यह सूर्य मंदिर फेमस होता गया। मंदिर के विस्तृत भू भाग में कई अन्य मंदिर, तालाब एवं सामुदायिक भवन का निर्माण कराया गया है। छठ के अवसर पर यहां व्यापक मेला का आयोजन होता है। उन दिनों लोगों की भीड़ कई गुणा अधिक देखने को मिलती है।