Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Jul, 2017 10:39 AM
12 जनवरी 1863 को जन्मे स्वामी विवेकानंद ने 4 जुलाई 1902 को अपनी शरीर त्याग दिया था। उनको तीक्ष्ण बुद्धि अौर स्मरण शक्ति के लिए जाना जाता है। स्वामी
12 जनवरी 1863 को जन्मे स्वामी विवेकानंद ने 4 जुलाई 1902 को अपनी शरीर त्याग दिया था। उनको तीक्ष्ण बुद्धि अौर स्मरण शक्ति के लिए जाना जाता है। स्वामी विवेकानंद कुछ ही घंटों में हजार पन्नों की किताबें याद कर लेते थे। अपनी बुद्धि को तेज करने के लिए स्वामी जी दो बातों का पालन करते थे। स्वामी विवेकानंद जी के अनुसार जो भी इन बातों का पालन करेगा उसकी सीखने की क्षमता में वृद्धि होगी।
एकाग्रता के लिए करें ध्यान
व्यक्ति का मन जितना एकाग्र होता है वह उतनी ही जल्दी चीजों को याद कर सकता है।लेकिन एकाग्र मन के लिए यह आवश्यक है कि हम अपनी इंद्रियों पर नियत्रंण रखें। स्वामी जी का कहना था कि यदि बचपन में किसी ने उन्हें ध्यान के बारे में बताया होता तो वे सैंकड़ों किताबों का अध्ययन न करके ध्यान करते।
इस प्रकार करें ब्रह्मचर्य का पालन
स्वामी विवेकानंद के अनुसार जो लोग सख्ती से ब्रह्मचर्य का पालन करते हैं वे शीघ्र अर्थात एक बार पढ़ कर ही चीजों को याद कर लेते हैं। लेकिन स्वयं को शारीरिक रूप से काम से दूर रहना ही नहीं है। यदि आपके मन में कामभावनाएं चल रही हैं अौर आप जबरदस्ती ब्रह्मचर्य का पालन कर रहे हैं तो ऐसा करने से फायदे के स्थान पर नुकसान हो सकता है। ब्रह्मचर्य के लिए आवश्यक है कि व्यक्ति सबसे पहले अपनी इंद्रियों को नियंत्रण में रखें।