Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Aug, 2017 10:34 AM
भारत में एक स्थान ऐसा भी है, जहां भगवान को शहर का राजा माना जाता है और उन्हीं को सबसे पहले रक्षा सूत्र यानी राखी अर्पित की जाती है,
भारत में एक स्थान ऐसा भी है, जहां भगवान को शहर का राजा माना जाता है और उन्हीं को सबसे पहले रक्षा सूत्र यानी राखी अर्पित की जाती है, इसके बाद ही शहरवासी राखी का त्यौहार मनाते हैं। मध्य प्रदेश की धार्मिक राजधानी उज्जैन में शिव के प्रमुख 12 ज्योतिर्लिंगों में एकमात्र दक्षिणमुखी महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग स्थापित है। उज्जैन के लोग महाकाल को अपना राजा मानते हैं। बाबा महाकाल को उज्जैन का राजाधिराज भी कहा जाता है। यहां किसी भी त्यौहार की शुरूआत सबसे पहले महाकाल मंदिर से ही होती है। इसके बाद ही शहरवासी त्यौहार मनाते हैं।
रक्षाबंधन पर भी पहली राखी भगवान महाकाल को बांधी जाती है, यह रोज सुबह होने वाली भस्मारती में भगवान को राखी अर्पित की जाती है। इसके बाद ही शहरवासी राखी का त्यौहार मनाते हैं। इस दिन बाबा महाकाल को सवा लाख लड्डुओं का भोग भी लगाया जाता है, जो बाद में श्रद्धालुओं में ही प्रसाद के रूप में बांट दिया जाता है। भगवान को बंधने वाली राखी पुजारी परिवार की महिलाओं द्वारा खासतौर पर तैयार की जाती है। इस अद्भुत प्रसंग को देखने दूर-दूर से लोग यहां आते हैं।