Edited By Lata,Updated: 09 Mar, 2019 01:14 PM
आईना एक ऐसी चीज़ है जो हमें खुद से रूबरू करवाता है। कई घरों में इसकी संख्या एक से ज्यादा भी होती है। हर घर में रहने वाले लोग अपनी-अपनी पसंद से शीशे को खरीद कर घर के किसी भी कोने में लगा देते हैं।
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आईना एक ऐसी चीज़ है जो हमें खुद से रूबरू करवाता है। कई घरों में इसकी संख्या एक से ज्यादा भी होती है। हर घर में रहने वाले लोग अपनी-अपनी पसंद से शीशे को खरीद कर घर के किसी भी कोने में लगा देते हैं। लेकिन क्या आपको पता है ऐसा करना वास्तु के हिसाब से मना है। किसी भी कोने में इसे लगाने पर घर में रहने वाले लोगों को बहुत सारी मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए इनका सही दिशा में लगे होना बेहद जरूरी होता है।
वास्तु शास्त्र में दर्पण यानि आईने को मुख्य स्रोत बताया गया है जिसके द्वारा घर में हमेशा सकरात्मक ऊर्जा का सुखद अहसास होता रहता है। आज हम आपको शीशे से जुड़े कुछ वास्तु टिप्स के बारे में बताएंगे। जिसे अपनाकर आपका जीवन खुशियों से भर जाएगा।
घर के ईशान कोण में उत्तर या पूर्व की दीवार पर स्थित वॉश बेसिन के ऊपर दर्पण भी लगाएं यह शुभ फलदायक है।
भवन के पूर्व और उत्तर दिशा व ईशान कोण में दर्पण की लगाना लाभदायक होता है।
घर में छोटी और संकुचित जगह पर शीशा रखने से चमत्कारी प्रभाव पैदा होता है।
घर के किसी भी कोने में दर्पण लगा हो, बस एक बात का ध्यान रखना जरूरी होता है कि उसमें शुभ वस्तुओं का प्रतिबिंब होना चाहिए।
कमरे के दीवारों पर आमने-सामने दर्पण लगाने से घर के सदस्यों में बेचैनी और उलझन पैदा होती है।
वास्तु शास्त्र में बताया गया है कि कभी भी दर्पण को अपने मन से किसी भी आकार में कटवा कर उपयोग में न लाएं। ऐसा करना हानिकारक साबित हो सकता है।
किसी भी दीवार में आईना लगाते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि वह न एकदम नीचे हो और न ही अधिक ऊपर अन्यथा परिवार के सदस्यों को सिरदर्द परेशान कर सकता है।
कहते हैं अगर बेडरूम में बिस्तर के सामने दर्पण लगा हो तो उसे फौरन हटा दें। क्योंकि यहां दर्पण की उपस्थिति वैवाहिक और पारस्परिक प्रेम को तबाह कर सकती है।
आईने को खिड़की या दरवाजे की ओर देखता हुआ कभी न लगाएं।
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