हिंदू शास्त्र: संतान की अनदेखी करने वाले का समाज में सदैव होता है अपमान

Edited By Punjab Kesari,Updated: 09 Jan, 2018 01:43 PM

the person who ignores the child is always humiliated in society

हिंदू शास्त्रों में मानव हित के लिए बहुत सी बातें बताई गई हैं, जैसे रामायण महाभारत, गरुड़ पुराण आदि ग्रंथ। इन में कई ऐसे काम बताए गए हैं जो मनुष्य को करने से मनाहीं है। जो लोग वर्जित किए गए ये काम करते हैं, उन्हें कई प्रकार की परेशानियों का सामना...

हिंदू शास्त्रों में मानव हित के लिए बहुत सी बातें बताई गई हैं, जैसे रामायण, महाभारत, गरुड़ पुराण आदि ग्रंथ। इन में कई ऐसे काम बताए गए हैं जो मनुष्य को करने से मनाही है। जो लोग वर्जित किए गए ये काम करते हैं उन्हें कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। शास्त्रों में पांच काम ऐसे बताए गए हैं, जिनकी वजह से घर-परिवार और समाज में मान-सम्मान नहीं मिलता है, अपयश यानी अपमान का सामना करना पड़ता है।

 

संतान की अनदेखी करना
यदि कोई व्यक्ति अपनी संतान के पालन-पोषण में अनदेखी करता है तो संतान बिगड़ जाती है। संतान संस्कारी नहीं रहती है और गलत काम करने लगती है तो इससे अपमान ही प्राप्त होता है। जब घर के बड़ों की बच्चों के प्रति अनदेखी होती है तो संतान असंस्कारी हो जाती है। अत: माता-पिता को संतान के अच्छे भविष्य के लिए उचित देखभाल करनी चाहिए। महाभारत में महाराज धृतराष्ट्र इस बात का श्रेष्ठ उदाहरण है कि अगर संतान संस्कारी ना हो तो पूरे परिवार का भी नाश हो सकता है। 

 

लालच करना
जो लोग धनी होते हुए भी घर-परिवार की जरुरतों पर खर्च नहीं करते हैं, धन के लिए लालच करते हैं, उन्हें समाज में सम्मान प्राप्त नहीं हो पाता है। धन को जरूरतों पर भी खर्च न करने या कंजूस होने पर धन की लालसा और अधिक बढ़ती है। इससे व्यक्ति और अधिक पैसा कमाने के लिए गलत काम कर सकता है।


 
धन अभाव होने पर अधिक दान करना

जो लोग अपनी आय से अधिक खर्च करते हैं, अत्यधिक दान करते हैं, वे कई प्रकार की परेशानियों का सामना करते हैं। आय से अधिक दान करते हैं, आमदनी कम होने या धन अभाव होने पर भी शौक पूरे करना, मौज-मस्ती करना, फिजूलखर्च करना पूरे परिवार को संकट में फंसा सकता है। इस काम से अपमान ही मिलता है।

 

दुष्ट लोगों के साथ रहना
अच्छी या बुरी संगति का असर हमारे जीवन पर होता है। यदि हमारी संगत गलत लोगों के साथ है तो कुछ समय तो सुख की अनुभूति होगी, लेकिन परिणाम बहुत बुरा हो सकता है। बुरी संगत से बचना चाहिए। इस बात के कई उदाहरण है, जहां दुष्टों की संगत में लोग बर्बाद हुए हैं। दुर्योधन के साथ कर्ण, रावण के साथ कुंभकर्ण और मेघनाद श्रेष्ठ उदाहरण है। हमें दुष्ट लोगों का साथ छोड़ देना चाहिए।

 

दूसरों का अहित करना
जो लोग स्वयं के स्वार्थ को पूरा करने के लिए दूसरों का अहित करते हैं, वे लोग इस काम के भयंकर फल प्राप्त करते हैं। इस काम से व्यक्ति के साथ ही परिवार को भी नुकसान, अपमान का सामना करना पड़ सकता है। राजा कंस ने श्रीकृष्ण को मारने के लिए कई प्रयास किए, लेकिन अंत में वह स्वयं ही मृत्यु को प्राप्त हुआ। शास्त्रों में बताया गया है कि जो व्यक्ति जैसा करेगा, उसे वैसा ही फल प्राप्त होगा। हम अच्छे काम करेंगे तो अच्छा फल मिलेगा और बुरे काम करेंगे तो बुरा।

Related Story

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!