Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Feb, 2018 04:00 PM
आत्मविश्वास में वह शक्ति है जो असंभव कार्य को भी संभव कर दिखाती है। ऐसी कोई भी वस्तु नहीं जो अभ्यास से प्राप्त न हो सकती हो।
आत्मविश्वास में वह शक्ति है जो असंभव कार्य को भी संभव कर दिखाती है। — जगजीत सिंह भाटिया, नुरपूर बेदी
ऐसी कोई भी वस्तु नहीं जो अभ्यास से प्राप्त न हो सकती हो। —संत ज्ञानेश्वर
पैसे से दुख कभी खरीदा नहीं जाता और दुख का कोई खरीदार नहीं होता।
हम दबाव में अनुशासन नहीं सीख सकते। —महात्मा गांधी
अन्याय की बुनियाद पर स्थापित राज्य कभी नहीं टिकता। —सेनेका
क्रूरता एवं दुर्बलताओं से ही समस्त अत्याचार जन्म लेते हैं। —सेनेका
सच की विजय देर से होती है। —गीता
सुंदरता तब ही अच्छी लगती है जब मन के भाव भी शुद्ध पवित्र हों। आपके मन के भाव ही आपके चेहरे पर झलकते हैं। हमारा चेहरा बोलता है। —रामानुजाचार्य
महंगी से महंगी घड़ी पहन कर देख लो, वक्त फिर भी व्यक्ति के हिसाब से नहीं चलता। —कृष्ण सेठी, जालंधर
हर किसी को उतनी ही जगह दो दिल में जितनी वह तुम्हें देता है वरना या तो खुद रोओगे या वह तुम्हें रुलाएगा।
जैसे सूर्योदय के होते ही अंधकार दूर हो जाता है वैसे ही मन की प्रसन्नता से सारी बाधाएं शांत हो जाती हैं।
सच कहने से कभी न डरो चाहे किसी को अच्छा लगे या न लगे।