Edited By ,Updated: 04 Feb, 2017 12:19 PM
4 साल से किशनगढ़ गांव में बारिश की एक बूंद तक नहीं गिरी थी। सभी
4 साल से किशनगढ़ गांव में बारिश की एक बूंद तक नहीं गिरी थी। सभी बड़े परेशान थे। हरिया भी अपने बीवी-बच्चों के साथ जैसे-तैसे समय काट रहा था। एक दिन बहुत परेशान होकर वह बोला, ‘‘अरे ओ मुन्नी की मां, जरा बच्चों को लेकर पूजा घर में तो आओ।’’
बच्चों की मां 6 साल की मुन्नी और 4 साल के राजू को लेकर पूजा घर में पहुंची। हरिया हाथ जोड़ कर भगवान के सामने बैठा था। वह रुंधी हुई आवाज में अपने आंसू छिपाते हुए बोला, ‘‘सुना है भगवान बच्चों की जल्दी सुनता है, चलो हम सब मिलकर ईश्वर से बारिश के लिए प्रार्थना करते हैं।’’ सभी अपनी-अपनी तरह से बारिश के लिए प्रार्थना करने लगे।
मुन्नी मन ही मन बोली, ‘‘भगवान जी मेरे बाबा बहुत परेशान हैं, आप तो सब कुछ कर सकते हैं, हमारे गांव में भी बारिश कर दीजिए न।’’
पूजा करने के कुछ देर बाद हरिया उठा और घर से बाहर निकलने लगा। ‘‘आप कहां जा रहे हैं बाबा।’’, मुन्नी बोली।
‘‘बस ऐसे ही खेत तक जा रहा हूं बेटा।’’, हरिया बाहर निकलते हुए बोला।
‘‘अरे रुको-रुको, अपने साथ यह छाता तो लेते जाओ।’’, मुन्नी दौड़ कर गई और खूंटी पर टंगा छाता ले आई।
छाता देख कर हरिया बोला, ‘‘अरे! इसका क्या काम, अब तो शाम होने को है, धूप तो जा चुकी है।’’
मुन्नी मासूमियत से बोली, ‘‘अरे बाबा अभी थोड़ी देर पहले ही तो हमने प्रार्थना की है, कहीं बारिश हो गई तो।’’
मुन्नी का जवाब सुनकर हरिया स्तब्ध रह गया। कभी वह आसमान की तरफ देखता तो कभी अपनी बिटिया के भोले चेहरे की तरफ। उसी क्षण उसने महसूस किया कि कोई आवाज उससे कह रही हो। हरिया ने फौरन अपनी बेटी को गोद में उठा लिया, उसके माथे को चूमा और छाता अपने हाथ में घुमाते हुए आगे बढ़ गया।
इसलिए अपनी पूजा को सही मायने में सफल होते देखना चाहते हैं तो ईश्वर में विश्वास रखें और ऐसे कर्म करें मानो आपकी प्रार्थना सुनी ही जाने वाली हो और जब आप लगातार ऐसा करेंगे तो भगवान आपकी जरूर सुनेगा।