Edited By Niyati Bhandari,Updated: 30 Mar, 2019 09:10 AM
असुरक्षा का भाव मनुष्य को कभी भी घेर सकता है। ऐसे में धार्मिक ग्रंथों और पुराणों में सुरक्षा के कई उपाय बताए गए हैं, जिनको फॉलो कर जातक स्वयं को काफी हद तक सुरक्षित रख सकता है।
ये नहीं देखा तो क्या देखा (Video)
असुरक्षा का भाव मनुष्य को कभी भी घेर सकता है। ऐसे में धार्मिक ग्रंथों और पुराणों में सुरक्षा के कई उपाय बताए गए हैं, जिनको फॉलो कर जातक स्वयं को काफी हद तक सुरक्षित रख सकता है।
कवच बनते हैं कुछ पाठ
स्वयं की सुरक्षा के लिए यूं तो प्रभु स्मरण काफी होता है लेकिन कुछ मंत्र और यंत्र भी जातक के लिए सुरक्षा कवच का काम करते हैं। इनमें सबसे प्रमुख है दुर्गा कवच। राम रक्षा स्तोत्र, बगुलामुखी रक्षा कवच, आस्था भैरव रक्षा कवच, बाल रक्षा कवच, हनुमत रक्षा कवच, गर्भ रक्षा कवच, काम रक्षा कवच जैसे पाठ किसी खास उद्देश्य के लिए किए जाएं तो काफी प्रभावकारी हो सकते हैं। इन कवचों का उल्लेख पौराणिक ग्रंथों में भी दिया गया है। ये कवच मंत्र और तंत्र और यंत्रों का सम्मिश्रण होते हैं।
ये एक उपाय Weak student को भी exam में करा सकता है Pass
रोगों से रक्षा करने के लिए
महामृत्युंजय यंत्र की पूजा करने के बाद उसके सामने बैठकर ॐ हौं जूं स:ॐ भुर्भुव स्व: ॐ त्र्यम्बकम् यजामहे सुगन्धिं पुष्टि वर्धनम् उर्वारुकमिव बंधान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् स्व: भुव भु: ॐ स: जूं हौं ॐ मंत्र का जाप करें। इसके नियमित जाप से स्वास्थ्य लाभ तो रहता ही है, जातक की अकाल मृत्यु तक टल जाती है। नारायण कवच के सामने ॐ नमो नारायणाय’ मंत्र का जाप करें।
ब्रह्मचर्य की रक्षा के लिए
ब्रह्मचर्य व्रत पालन करने वालों को काम से रक्षार्थ व मन में कामुक विचार न आए इसके लिए शास्त्रों में कई उपाय बताए गए हैं। ऐसे में ॐ अर्यमायै नम: मंत्र का जाप बेहद प्रभावी परिणाम देता है। हनुमान जी के मंदिर में इस मंत्र के जाप से कामुक विचार नहीं आते हैं।
अबकी बार क्या congress की सरकार ?