Edited By Jyoti,Updated: 30 Apr, 2019 03:04 PM
कहते हैं दुनिया में कोई ऐसी इंसान नहीं है जो पाप नही करता है। कुछ जान भूझ कर पाप करते हैं तो कुछ से अनजाने में पाप होत जाते हैं। अब सब कुछ जानकर पाप करने वाले को तो सजा मिलती ही है लेकिन जिन लोगों से अनजाने में ऐसे पाप हो जाते हैं
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कहते हैं दुनिया में कोई ऐसी इंसान नहीं है जो पाप नही करता है। कुछ जान भूझ कर पाप करते हैं तो कुछ से अनजाने में पाप होत जाते हैं। अब सब कुछ जानकर पाप करने वाले को तो सजा मिलती ही है लेकिन जिन लोगों से अनजाने में ऐसे पाप हो जाते हैं, जिन्हें वो कभी नहीं करना चाहते। तो अगर आप भी उन्हीं लोगों में से एक है जिनसे जाने-अनजाने में कई पाप हो गए हैं और आप उनसे छुटकारा पाना चाहते हैं तो आज हम आपको कुछ ऐसे उपाय बताने जा रहे हैं जिससे आपको उन पापों से छुटकारा मिलेगा जो आप से कब हुए आपको पता भी नहीं। तो चलिए देर न करते हुए आपको बताते हैं उन उपायों के बारे में-
श्रीमद्भागवत जी के षष्टम स्कंद में महाराज परीक्षित ने शुकदेव जी से एक सवाल किया था कि अनजाने में हुए पापों से मुक्ति का क्या उपाय है। तब महर्षि शुकदेव ने परीक्षित को उत्तर देते हुए कहा कि अगर आप ऐसे पापों से मुक्ति पाना चाहते हैं तो प्रतिदिन 5 प्रकार के यज्ञ करने चाहिए। ये 5 यज्ञ अनजाने में मानव द्वारा किए गए बुरे कृत्यों के बोझ से राहत दिलवाता है। कहा जाता है कि अगर कोई मनुष्य रोज़ाना ये 5 यज्ञ सम्पन्न करता है तो न केवल वह अपने पापों के बोझ से मुक्ति पाता है, बल्कि उन धार्मिक उपायों को करने से पुण्य भी प्राप्त करता है।
यहां जानें वो 4 यज्ञ-
पहला यज्ञ
रोज़ाना गऊ को एक रोटी दान करें। इसके अलावा जब भी घर में पहले बनाएं को सबसे पहली रोटी गऊ ग्रास के लिए निकालें।
दूसरा यज्ञ
प्रतिदिन वृक्षों की जड़ों के पास चींटियों को 10 ग्राम आटा डालें।
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तीसरा यज्ञ
पक्षियों को रोज़ाना अन्न डालना चाहिए।
चौथा यज्ञ
आटे की गोली बनाकर रोज़ाना जलाशय में मछलियों को डालें।
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पांचवां यज्ञ
भोजन बनाकर अग्नि को भोजन अर्पित करना। अर्थात- रोटी बनाकर उसके छोटे-छोटे टुकड़े करके उसमें घी-चीनी मिलाकर अग्नि को भोग लगाएं।
कभी भिखारी को जूठा अन्न भिक्षा में न दें और अतिथि का सत्कार करें।