Edited By Punjab Kesari,Updated: 31 Oct, 2017 11:47 AM
वास्तुशास्त्र में मानव कल्याण के लिए बहुत सारे नियम निर्धारित किए गए हैं। जो सुखमय जीवन प्रदान करने में सहायक सिद्ध होते हैं। भोजन से संबंधित भी वास्तु विद्वानों ने कुछ निर्देश दिए हैं, जिनका पालन करने से बहुत सारे दुष्प्रभावों को सदा के लिए दूर कर...
वास्तुशास्त्र में मानव कल्याण के लिए बहुत सारे नियम निर्धारित किए गए हैं। जो सुखमय जीवन प्रदान करने में सहायक सिद्ध होते हैं। भोजन से संबंधित भी वास्तु विद्वानों ने कुछ निर्देश दिए हैं, जिनका पालन करने से बहुत सारे दुष्प्रभावों को सदा के लिए दूर कर रोग और शोक से बचा जा सकता है। भोजन के उपरांत सौ कदम टहलने से शरीर स्वस्थ और निरोगी बना रहता है लेकिन दौड़ने से विकार पैदा होते हैं। भोजन करके एक ही स्थान पर बैठे रहने से पेट बढ़ जाता है। शरीर में भारीपन और सुस्ती बनी रहती है। जो लोग भोजन करके तुरंत नींद के आगोश में चले जाते हैं उन्हें बहुत सारे रोग होने की आशंकाएं बढ़ जाती है।
वास्तु के अनुसार भोजन का स्वाद और स्वास्थ्य बढ़ाते हैं ये टिप्स
सारा परिवार मिलकर भोजन करे तो स्वाद और स्वास्थ्य दोनों बढ़ जाते हैं।
पूर्व और उत्तर दिशा की ओर मुंह करके भोजन ग्रहण करना चाहिए। इस उपाय से हमारे शरीर को भोजन से मिलने वाली ऊर्जा पूर्ण रूप से प्राप्त होती है।
दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके भोजन ग्रहण करना अशुभ माना गया है।
पश्चिम दिशा की ओर मुंह करके भोजन करने से रोगों की वृद्धि होती है।
भोजन के पूर्व दोनों हाथ, दोनों पैर और मुख को अच्छी तरह से धो लेना चाहिए। इसके बाद ही भोजन करना चाहिए।
भीगे हुए पैरों के साथ भोजन ग्रहण करना बहुत शुभ माना जाता है। भीगे हुए पैर शरीर के तापमान को नियंत्रित करते हैं, इससे पाचनतंत्र ठीक रहता है और भोजन आसानी से पचता है।