Edited By Jyoti,Updated: 10 Sep, 2019 03:16 PM
भारत एक ऐसा देश है जहां अलग-अलग प्रांत के लोग रहते हैं जिस कारण यहां विभिन्न तरह के रंग देखने को मिलते है। अर्थात यहां हर धर्म के लोग दिखाई देते हैं।
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भारत एक ऐसा देश है जहां अलग-अलग प्रांत के लोग रहते हैं जिस कारण यहां विभिन्न तरह के रंग देखने को मिलते है। अर्थात यहां हर धर्म के लोग दिखाई देते हैं। अब ज़ाहिर सी बात है हर धर्म के लोगों की अपनी अलग-अलग मान्यताएं, परंपराएं आदि भी होंगी। आज हम आपको बताने जा रहे हैं केरल के एक ऐसी फेमस त्यौहार के बारे में जिसके बारे में शायद बहुत कम लोग जानते होंगे।
हम बात कर रहे हैं केरल के महत्वपूर्ण त्यौहार ओणम की। जो मुख्य रूप से तो यहां यानि केरल में मनाया जाता है परंतु इसकी धूम देश के कई अन्य राज्यों में भी देखने को मिलती है। बता दें इस बार ओणम का ये प्रमुख पर्व 11 सितबंर से शुरू हो रहा है। मान्यताओं के अनुसार इस त्योहार की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इस दिन लोग मंदिरों आदि में पूजा-अर्चना नहीं करते बल्कि अपने घरों में ही पूजा करते हैं।
इस पर्व से जुड़ी प्रचलित कथाओं के अनुसार केरल में महाबली नाम का एक असुर राजा था जिसके आदर में लोग ओणम का पर्व मनाते हैं। लोग इसे फसल और उपज के लिए भी मनाते हैं। बता दें हर साल ओणम दस दिन के लिए ही मनाया जाता है। बताया जाता है जिस तरह दशहरे में दस दिन पहले रामलीलाओं का आयोजन होता है उसी तरह ओणम से दस दिन पहले घरों को फूलों से सजाने का कार्यक्रम चलता है।
ओणम से जुड़ी खास बातें-
ओणम नई फसल के आने की खुशी में भी मनाया जाता है, इस दौरान घर में रंगोली सजाने और दीप जलाने की भी परंपरा हैं।
घर में विशेष पकवान बनाए जाते हैं। खास तौर पर चावल, गुड़ और नारियल के दूध को मिलाकर खीर बनाई जाती है। इसके साथ ही कई तरह की सब्जियां, सांभर आदि भी बनाया जाता है।
इस अवसर पर मलयाली समाज के लोगों ने एक-दूसरे को गले मिलकर शुभकामनाएं देते हैं। साथ ही परिवार के लोग और रिश्तेदार इस परंपरा को साथ मिलकर मनाते हैं।
ओणम से जुड़ी मान्यताओं के अनुसार राजा बलि केरल के राजा थे, उनके राज्य में प्रजा बहुत सुखी व संपन्न थी, किसी भी तरह की कोई समस्या नहीं थी, वे महादानी भी थे। उन्होंने अपने बल से तीनों लोकों पर अपना कब्जे कर लिया था। इसी दौरान भगवान विष्णु वामन अवतार लेकर आए और तीन पग में उनका पूरा राज्य लेकर उनका उद्धार कर दिया।
माना जाता है कि वे साल में एक बार अपनी प्रजा को देखने के लिए आते हैं। तब से केरल में हर साल राजा बलि के स्वागत में ओणम का पर्व मनाया जाता है।