Edited By Jyoti,Updated: 02 May, 2021 07:10 PM
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
हमारे देश में अगिनत धार्मिक स्थल हैं, जिनमें कोई एक धर्म शामिल नही हैं, बल्कि भारत में रहने वाल प्रत्येक समुदाय के लोगों से जुड़े धार्मिक स्थल है, जो अपनी-अपनी विशेषता
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
हमारे देश में अगिनत धार्मिक स्थल हैं, जिनमें कोई एक धर्म शामिल नही हैं, बल्कि भारत में रहने वाल प्रत्येक समुदाय के लोगों से जुड़े धार्मिक स्थल है, जो अपनी-अपनी विशेषता के चलते देश के साथ-साथ दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं। इन्हीं में से एक धार्मिक स्थल है केरल में स्थित श्री राम का। यूं तो बताया जाता है कि केरल में श्री राम के अनेकों मंदिर है, परंतु त्रिप्रायर में स्थित श्रीरामा मंदिर की अपनी अलग विशेषता है।
बता दें केरल के त्रिप्रायर में स्थित इस मंदिर को त्रिप्रायर श्री रामा मंदिर के नाम से जाना जाता है। दरअसल केरल के दक्षिण-पश्चिम में त्रिप्प्रयार नामक एक शहर में है, जहां त्रिप्रायर नामक नदी के किनारे त्रिप्रायर श्रीराम मंदिर स्थित है, जिसे कोडुन्गल्लुर का प्रमुख धार्मिक स्थान कहा जाता है।
त्रिप्रायर में स्थित यह मंदिर कोडुन्गल्लुर शहर से लगभग 15 किलोमीटर और त्रिशूर से 25 किलोमीटर दूर स्थित है। यहं भगवान विष्णु के 7 वें स्वरूप श्री राम की पूजा-अर्चना की जाती है। मंदिर से जुड़ी किंवदंतियों की बात करें तो इससे एक नहीं बल्कि कई किंवदंतियां जुड़ी हुई है, जो लोक प्रचलित भी हैं। माना जाता है कि यहां स्थापित मूर्ति यहां के स्थानीय मुखिया को समुद्र तट पर मिली थी। जिसमें भगवान ब्रह्मा, भगवान विष्णु और भगवान शिव के तत्व हैं, ऐसा माना जाता है, अत: इस प्रतिमा की पूजा त्रिमूर्ति के रूप में की जाती है।
इसके अलावा मंदिर के परिसर में एक गर्भगृह और एक नमस्कार मंडपम है, जहां रामायण काल के चित्र हैं और नवग्रहों को दर्शाती हुई लकड़ी की नक्काशी और प्राचीन भित्तिचित्र हैं। यहां पारंपरिक कलाओं जैसे कोट्टू (नाटक) का नियमित प्रदर्शन किया जाता है। लोक मत है कि हर वर्ष मंदिर में होने वाले अरट्टूपुझा पूरम उत्सव के लिए यह मंदिर अधिक प्रसिद्ध है।