Edited By ,Updated: 20 Apr, 2017 01:44 PM
कई लोग घर के चारों ओर परिक्रमा को अशुभ मानते हैं। ऐसे में जब उन्हें कोई समस्या घेर लेती है तो सबसे पहले वे घर की परिक्रमा को
कई लोग घर के चारों ओर परिक्रमा को अशुभ मानते हैं। ऐसे में जब उन्हें कोई समस्या घेर लेती है तो सबसे पहले वे घर की परिक्रमा को रोकते हैं जो वास्तु नियमों के विरुद्ध है। घर में हम मंदिर रखते हैं और घर को मंदिर की उपमा भी देते हैं। वास्तुशास्त्र के अनुसार घर के चारों ओर परिक्रमा लगे तो वह अत्यंत शुभदायक है। शयनकक्ष में जूठे बर्तन रखने से घर की महिला के स्वास्थ पर प्रभाव पड़ता है तथा परिवार में क्लेश भी होता है।
शयन कक्ष में भारी वस्तु न रखें।
शयन कक्ष में गंदे व्यसन करने से आपकी तरक्की में बाधा आएगी।
सीढ़ी के नीचे बैठकर कोई भी कार्य न करें।
किसी भी द्वार पर अवरोध नहीं होना चाहिए।
प्रवेश द्वार की ओर पैर करके न सोएं, लक्ष्मी का अपमान होता है।
कोर्ट केस की फाइल मंदिर में रखने से मुकद्दमा जीतने में सहायता होगी।
स्वर्गवासी वृद्धों की तस्वीर हमेशा दक्षिण दिशा में ही लगानी चाहिए। घर में घड़ी के सैल पर विशेष ध्यान रखना चाहिए क्योंकि उसके धीरे होने से घड़ी भी धीरे चलेगी तो गृहस्वामी का भाग्य भी धीमे चलेगा।
पलंग दीवार से मिलाकर न रखें। इससे पति-पत्नी में तकरार होती है।
किसी भी भवन का तीन राहों पर होना अशुभ होता है। इस दोष के लिए चारों दीवारों पर दर्पण होना चाहिए।
अधिक समय से बीमार को दक्षिण-पश्चिम कोना में सुलाना चाहिए। ईशान कोने में शीतल जल रखने से व्यक्ति जल्दी स्वस्थ होता है।
घर के मुख्य द्वार पर काले घोड़े की नाल, दुर्गा यंत्र त्रिशक्ति अंदर व बाहर की ओर गणपति अथवा दक्षिण मुखी द्वार पर हनुमान जी की तस्वीर अथवा भैरव यंत्र लगाकर लाभ लिया जा सकता है।