Edited By Niyati Bhandari,Updated: 17 Oct, 2020 07:13 AM
आज आपके जन्मदिन की आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं। 17 अक्टूबर में जन्में व्यक्तियों का मूलांक 8 होता है, जिनके स्वामी शनि देव हैं। मूलांक 8 वाले जातक दूसरों से ज्यादा बातें नहीं करते,
Today's Birthday Prediction: आज आपके जन्मदिन की आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं। 17 अक्टूबर में जन्में व्यक्तियों का मूलांक 8 होता है, जिनके स्वामी शनि देव हैं। मूलांक 8 वाले जातक दूसरों से ज्यादा बातें नहीं करते, अतः आसानी से अपने मन के भाव भी दूसरों पर उजागर नहीं कर पाते। इन्हें स्वयं में रहना पसंद होता है। इन्हें न ही झूठा दिखावा पसन्द आता है और न ही ये लोग दिखावा करने में यकीन रखते हैं। ये लोग अपने असली स्वरूप को दूसरों से नहीं छुपाते। इन्हें अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ता है। इन्हें कोई भी वस्तु इतनी आसानी से प्राप्त नहीं होती। ये लोग बहुत ही दृढ़ निश्चयी व मेहनती होते हैं। इनकी शिक्षा प्रायः अच्छी रहती है। हालांकि कई बार इन्हें शिक्षा प्राप्त करने के लिए कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
आज जिन जातकों का जन्मदिन है, इस वर्ष भाग-दौड़ ज्यादा लगी रहेगी। आपको यात्राएं भी करनी पड़ सकती हैं। आय के नए साधन प्राप्त होंगे। अक्टूबर के माह में मां-बेटी के सम्बंध अच्छे होंगे। नवम्बर के माह में जीवनसाथी के साथ रिश्तों में कुछ खटास आ सकती है। कोई गुप्त रोग होने की संभावना बनती है, समय पर चिकित्सक से सलाह लें। दिसम्बर के माह में माता की सेहत का ख्याल रखें।
वर्ष 2021 की शुरुआत में जनवरी व फ़रवरी का समय विवाह योग्य जातकों के लिए अच्छा है। इस समय में आप खरीदारी की अधिकता की वजह से नकदी धन की कमी महसूस करेंगे। मार्च के समय में यात्राएं सम्भव हैं। अप्रैल के माह में कार्यस्थल पर उच्च अधिकारी से अनबन हो सकती है। पहले से अधिक मेहनत करनी पड़ सकती है। जून का समय किसी नए कार्य की शुरुआत के लिए अच्छा है। हालांकि सरकारी कामों में रुकावट का सामना करना पड़ सकता है। अगस्त के महीने में अचानक धनलाभ के योग बनते हैं। विद्यार्थियों के लिए भी समय शुभ है। सितम्बर के माह में किसी प्रकार के वहम या लालच में आकर कोई गलत काम न करें।
उपाय- इस वर्ष के शुभ फल प्राप्त करने के लिए काले व नीले रंग का परहेज़ करें।
खराब विद्युत उपकरण घर में न रखें।
मां सरस्वती की आराधना कर नीले फूल अर्पित करें।
काली उड़द की दाल का दान करें।
काला-सफेद कम्बल मंदिर में दान दें।
विष्णुसहस्रनाम का पाठ करें।
हनुमान जी की उपासना करें।
आचार्य लोकेश धमीजा
वेबसाइट – www.goas.org.in