Edited By Lata,Updated: 17 Feb, 2019 10:06 AM
आज 17 फरवरी, रविवार त्रयोदशी तिथि है। इसके स्वामी कामदेव हैं। यह तिथि जया संज्ञक है। इस तिथि में जन्मा बच्चा कर्मठ, उत्साही, हिम्मती, अपनी तरक्की एवं बढ़त-चढ़त के लिए अपनी मेहनत पर भरोसा करने वाला होता है।
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आज 17 फरवरी, रविवार त्रयोदशी तिथि है। इसके स्वामी कामदेव हैं। यह तिथि जया संज्ञक है। इस तिथि में जन्मा बच्चा कर्मठ, उत्साही, हिम्मती, अपनी तरक्की एवं बढ़त-चढ़त के लिए अपनी मेहनत पर भरोसा करने वाला होता है। धार्मिक मामलों की सूझ-बूझ तथा जानकारी रखने तथा अपोजिट सैक्स, विशेषकर फीमेल्स की कम्पनी में खुश रहने वाला होता है।
नक्षत्रः पुनर्वसु नक्षत्र के देवता आदित्य तथा स्वामी गुरु हैं। इस नक्षत्र में जन्मा बच्चा संतोषी, परोपकारी नेचर वाला, टूरिज़्म, सैर-सपाटे, घूमने-फिरने तथा फैशनेबल कपड़े पहनने का शौकीन होता है। उसकी मैमोरी बहुत शार्प होती है। उसका वृद्धावस्था जीवन आराम, सुख-सुविधा स पन्न बीतता है। पीपल, वट वृक्षों की केयर करना ठीक रहता है।
योगः आयुष्मान योग के स्वामी चंद्रमा हैं। इस योग में जन्मा बच्चा ल बी लाइफ जीने वाला होता है, किन्तु रेशा, नज़ला, जुकाम तथा मौसम के एक्सपोइयर, पेट की गड़बड़ी की शिकायत के साथ उसका वास्ता बना रहता है। नेचर से वह कुछ चंचल, टाकेटिव, शक्ल-सूरत से सुन्दर, साफ्ट स्पोकन तथा वैल ड्रैस्ड होता है। सफेद वस्तुओं का दान करना ठीक रहता है।
करणः कौलव करण का स्वामी मित्र है। इस करण में जन्मे बच्चे का फ्रैंड्ïस का सर्कल बड़ा होता है। वह मित्रों का मित्र तथा फ्रैंडशिप निभाने में बड़ा कुशल होता है। वह फ्रैंडशिप को बहुत इ पोर्टैंस तथा प्रैफरैंस देता है। जरूरत समय फ्रैंड्स को यूज़ करने के टैक्ट में भी वह एक्सपर्ट होता है।
वारः रविवार के देवता अधिदेवता सूर्य-शिव हैं। रविवार जन्मा बच्चा एग्रीकल्चरल प्रॉडक्ट्ïस, फूडग्रेन, मैडीसन, गोल्ड, सिल्वर, कॉपर जैसी मैटल्स के काम-धंधे में इंट्रैस्ट रखने वाला होता है। नेचर से कुछ हार्ड लाइनर, फौरन रिएक्ट करने, किसी की धौंस टोलरेट न करने वाला होता है। अनार, आम जैसे फलदार वृक्ष लगाना प्रशस्त रहता है।
शुभ पंचांग-
तारीख : 17 फरवरी, 2019
वार : रविवार
अयन : उत्तरायण
विक्रमी सम्वत : 2075
विक्रमी फाल्गुन प्रविष्टे : 5
राष्ट्रीय शक सम्वत : 1940
शक माघ तारीख : 28
हिजरी साल : 1440
महीना : जमादि उल्सानी, तारीख 11
पक्ष : माघ शुक्ल
तिथि : द्वादशी (प्रात: 8.10 तक) तथा तदोपरांत तिथि त्रयोदशी (तिथि त्रयोदशी का क्षय)
नक्षत्र : पुनर्वसु (सायं 4.46 तक) तथा तदोपरांत नक्षत्र पुष्य।
योग : आयुष्मान (रात 8.13 तक) तथा तदोपरांत योग सौभाग्य।
करण : बालव (प्रात: 8.10 तक) तथा तदोपरांत करण कौलव।
चंद्र राशि : मिथुन (पूर्व दोपहर 11.23 तक) तथा तदोपरांत राशि कर्क।
सूर्योदय/सूर्यास्त : प्रात: 7.11/सायं 6.12 (जालन्धर समय)।
राहू काल : सायं 04.30 से 06.00 बजे तक।
सूर्योदय कालीन कुंडलीः
सूर्य कुंभ में
चंद्रमा मिथुन में
मंगल मेष में
बुध कुंभ में
गुरु वृश्चिक में
शुक्र धनु में
शनि धनु में
राहू कर्क में
केतु मकर में
दिशा शूलः पश्चिम एवं नैर्ऋत्य दिशा के लिए। इस दिशा की यात्रा त्याग देनी ठीक रहेगी।
आज पैदा होने वाले बच्चों का नामाक्षर तथा भविष्यफलः
समय -प्रात: 5.57 से लेकर पूर्व दोपहर 11.23 तक
नामाक्षर-ह
यह बच्चा कपड़े का रिटेल, होलसेल कारोबार करने, बुटीक एवं फैशनेबल डिजाइनर कपड़ों की कटिंग, उनकी टेलरिंग करने में एक्सपर्ट होता है।
समय -पूर्व दोपहर 11.24 से लेकर सायं 4.46 तक
नामाक्षर-ही
यह बच्चा माइन्स से निकलने वाले सामान, पैट्रोलियम, लूब्रीकैंट्स वस्तुओं का बिजनैस करने में इंट्रैस्ट रखने वाला होता है। कोयला, टि बर, यूल का काम भी सूट कर सकता है।
समय -सायं 4.47 से लेकर रात 10.05 तक
नामाक्षर-हू
यह बच्चा डिजाइनर, फैशनेबल कपड़ों के बिजनैस, इन कपड़ों में यूज़ होने वाली अटैचमैंट्ïस, मैटीरियल, टिम्बर, यूल जैसी वस्तुओं के काम-धंधे से जुड़ा हो सकता है।
समय -रात 10.06 से लेकर 17-18 मध्य रात 3.24 तक
नामाक्षर-हे
यह बच्चा कर्मठ, मेहनती, एविएशन के प्रोफैशन के साथ सम्बद्ध होने वाला होता है। पैट्रोलियम, लूब्रीकैंट्स, खनन उत्पादों की सप्लाई, डिस्ट्रीब्यूशन के काम में उसका इंट्रैस्ट हो सकता है।
समय -17-18 मध्य रात 3.25 से लेकर अगले दिन (18 फरवरी) प्रात: 8.43 तक
नामाक्षर-हो
यह बच्चा टूरिज़्म , सैर-सपाटे, घूमने-फिरने का शौकीन हो सकता है। कमप्यूटर, एग्रीकल्चरल प्रॉडक्टस, जमीनों के साथ जुड़े प्रोफैशन में भी उसे अच्छी सक्सैस मिल सकती है।
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