कल करेंगे ये काम, वर्ष भर नहीं होगा आपको और आपके परिवार को शारीरिक कष्ट

Edited By ,Updated: 20 Mar, 2017 09:28 AM

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चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को माता शीतला का पूजन किया जाता है तथा यह दिन शीतला अष्टमी के नाम से प्रसिद्ध है।

चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को माता शीतला का पूजन किया जाता है तथा यह दिन शीतला अष्टमी के नाम से प्रसिद्ध है। इस बार यह अष्टमी 21 मार्च को है। माता शीतला को बासी भोजन और ठंडी वस्तुओं का भोग लगाया जाता है और कच्ची लस्सी चढ़ा कर मां को प्रसन्न किया जाता है। इस अवसर पर कंजक पूजन करके परिवार के मंगलमय भविष्य की कामना की जाती है। मां शीतला का व्रत करने से मनुष्य की रोगों से रक्षा होती है तथा किसी प्रकार का शारीरिक कष्ट वर्ष भर नहीं होता, इसीलिए माता शीतला को दैहिक, दैविक एवं भौतिक तापों से मुक्ति दिलाने वाली माता कहा जाता है। परिवार की निरोगता, सुख-समृद्धि और खुशहाली के लिए यह व्रत किया जाता है। 

 

शीतला अष्टमी कल: ये है महत्व, व्रत एवं पूजन विधि

 

माता शीतला जी की कथा


शीतला अष्टमी के दिन माता शीतला का पूजन करने से परिवार के लोग स्वस्थ एवं निरोग रहते हैं। माता शीतला अपने बच्चों पर कृपा करते हुए ठंडे झोंके प्रदान करती हैं ताकि किसी प्रकार का बुखार किसी सदस्य को न सताए। वैसे भी यह गर्मी के मौसम से पहले आता है तथा आगामी भीषण गर्मी से बचने के लिए पहले ही माता शीतला का पूजन करके उनकी कृपा प्रसाद रूप में प्राप्त करने की धार्मिक परम्परा है।  


वीना जोशी
veenajoshi23@gmail.com 

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