नहाने के पानी में डालें ये खास चीज, फिर देखें कमाल

Edited By Aacharya Kamal Nandlal,Updated: 30 Apr, 2018 03:07 PM

tuesday special upay

मंगलवार दिनांक 01.05.18 को ज्येष्ठ का महीना शुरू हो रहा है। ज्येष्ठ हिन्दू पंचांग का तीसरा महीना है। इस महीने में बहुत गर्मी पड़ती है, सूर्य देव अपने रौद्र रूप में होते हैं अर्थात इस महीने में गर्मी अपने चरम पर होती है।

सनातन धर्म में जल को वरुण देव कहा गया है। वरुण देव को देवताओं का देवता कहा गया है। देवताओं के तीन वर्गो पृथ्वी, वायु और आकाश वर्गों में वरुण देव को सर्वोच्च स्थान प्राप्त है। देवताओं में तीसरा स्थान 'वरुण देव' का माना जाता है। वरुण देव को समुद्र का देवता, विश्व के नियामक व शासक सत्य का प्रतीक, ऋतु परिवर्तन, दिन-रात का कर्ता-धर्ता माना जाता है। पाश्चात्य ज्योतिष में वरुण देव को यूरेनस ग्रह कहा गया है। वरुण देव ऋतु के संरक्षक हैं इसलिए इन्हें 'ऋतस्य-गोप' भी कहते हैं। वरुण देव देवलोक में सभी सितारों का मार्ग निर्धारित करते हैं। वरुण देव पश्चिम दिशा के लोकपाल व जल के अधिपति व जल के ही निवासी हैं। शास्त्रों ने गंगा नदी को ज्येष्ठ भी कहा है क्योंकि गंगा नदी अपने गुणों में अन्य नदियों से बड़ी है। ऐसी मान्यता है कि नर्मदा व यमुना गंगा नदी से बड़ी और विस्तार में ब्रह्मपुत्र बड़ी है किंतु गुणों, गरिमा व महत्त्व की दृष्टि से गंगा नदी बड़ी है। इसी कारण इस महीने में गंगाजल के माध्यम से वरुण देव को पूजा जाता है। इस माह में वरुण देव व गंगा पूजन से सभी रोगों का शमन होता है, सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं तथा दुखों का नाश होता है।


विशेष पूजन विधि: घर के ईशान कोण में लाल कपड़ा बिछाकर पानी से भरे हुए तांबे के कलश में थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर उसे स्थापित कर विधिवत पंचोपचार पूजन करें। कलश में दूध, शहद, जौव, अक्षत, मूंग, गुड व शहद मिलाएं। सिंदूर मिले घी का दीप करें, सुगंधित धूप करें। सिंदूर से तिलक करें। लाल फूल चढ़ाएं। गुड़ से बनी खीर का भोग लगाएं तथा किसी माला से इस विशेष मंत्र का 1 माला जाप करें। पूजन उपरांत भोग को जल प्रवाह कर दें। 


पूजन मुहूर्त: दिन 11:30 से दिन 12:30 तक है। 
पूजन मंत्र: ॐ अपां पतये वरुणाय नमः॥


मुहूर्त: 
गुलिक काल - दिन 13:30 से दिन 15:00 तक।
राहु काल - शाम 15:00 से शाम 16:30 तक। 
अभिजीत मुहूर्त - दिन 11:36 से दिन 12:24 तक।
यमगंड काल - सुबह 09:00 से सुबह 10:30 तक।
काल वेला - दिन 13:30 से दिन 15:00 तक।
अमृत वेला - दिन 12:00 से दिन 13:30 तक।


उपाय
सभी रोगों के नाश के लिए वरुण देव पर चढ़े चांदी के सिक्के को पानी में डालकर रोज़ स्नान करें।

सभी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए जल में अपनी छाया देखकर चंद्रमा को अर्घ्य दें। 

सभी दुखों के नाश के लिए वरुण देव पर चढ़े सफ़ेद चंदन से रोज़ तिलक करें।

आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com


 

Related Story

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!