आज का गुडलक देगा पारिवारिक अशांति और मनोविकार से मुक्ति

Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Sep, 2017 07:02 AM

tuesdays goodluck

मंगलवार दी॰ 12.09.17 आश्विन कृष्ण सप्तमी पर सप्तमी का श्राद्ध मनाया जाएगा। श्रीकृष्ण ने श्रीमद्भगवद्गीता में आत्मा की अमरता का उपदेश दिया है। श्रीमद्भगवत के अनुसार आत्मा जब तक परमात्मा से संयोग नहीं करती, तब तक विभिन्न योनियों में भटकती है।

मंगलवार दी॰ 12.09.17 आश्विन कृष्ण सप्तमी पर सप्तमी का श्राद्ध मनाया जाएगा। श्रीकृष्ण ने श्रीमद्भगवद्गीता में आत्मा की अमरता का उपदेश दिया है। श्रीमद्भगवत के अनुसार आत्मा जब तक परमात्मा से संयोग नहीं करती, तब तक विभिन्न योनियों में भटकती है। इस अवस्था को अघम कहते हैं। अघम में आत्मा को मात्र श्राद्ध से संतुष्टि मिलती है। शास्त्रनुसार परिवार में किसी की अकाल मृत्यु होने, माता-पिता का अपमान करने, मृत्यु उपरांत माता-पिता का अनुचित क्रियाकर्म करने व श्राद्धकर्म न करने से पितृदोष लगता है। पितृदोष के कारण पारिवारिक अशांति, वंशवृद्धि बाधा, आकस्मिक रोग, संकट, धननाश, मनोविकार होते हैं। सप्तमी के विधिवत श्राद्ध कर्म से व्यक्ति के सातों विकार दूर होते हैं तथा पितृदोष से मुक्ति मिलती है।

 

सप्तमी श्राद्ध मुहूर्त: मंगलवार दी॰ 12.09.17, चंद्र वृष राशि व कृतिका नक्षत्र में रहेगा। पंचमी तिथि मंगलवार दी॰ 12.09.17 को प्रातः 03:14 से शुरू होकर बुधवार दी॰ 13.09.17 को रात 01:01 तक रहेगी। राहुकाल दिन 15:21 से शाम 16:53 तक है जिसमें श्राद्ध वर्जित है। ऐसे में व्यवस्था है कि राहुकाल से पूर्व तर्पण व पिण्डदान करें। श्राद्ध हेतु श्रेष्ठ तीन मुहूर्त हैं, कुतुप दिन 11:52 से दिन 12:41 तक, रौहिण दिन 12:41 से दिन 13:30 तक, अपराह्न दिन 13:30 से शाम 15:58 तक। मंगलवार दी॰ 12.09.17 को सूर्योदय से दिन 14:08 तक भद्रा रहेगी ऐसे में श्राद्धकर्म तर्पण व पिण्डदान हेतु श्रेष्ठ समय दिन में 14:10 से शाम 15:20 तक रहेगा। इससे पहले अभिजीत मुहूर्त में दिन 11:52 से दिन तक 12:41 भी श्राद्धकर्म किया जा सकता है।

 

सप्तमी श्राद्ध विधि: सप्तमी श्राद्धकर्म में सात ब्राह्मणों को भोजन कराने का मत है। श्राद्ध में गंगाजल, कच्चा दूध, तिल, जौ व खंड मिश्रित जल की जलांजलि दें। तदुपरांत पितृ पूजन करें। पितृगण के निमित, तिल के तेल का दीप करें, सुगंधित धूप करें, लाल फूल, लाल चंदन, तिल व तुलसीपत्र समर्पित करें। जौ के आटे के पिण्ड समर्पित करें। फिर उनके नाम का नैवेद्य रखें। कुशासन में बैठाकर पितृ के निमित भगवान विष्णु के पुरुषोत्तम स्वरूप का ध्यान करते हुए गीता के सातवें आध्याय का पाठ करें व इस विशेष पितृ मंत्र का यथा संभव जाप करें। इसके उपरांत शहद मिश्रित खीर, दलीय, पूड़ी, सात्विक सब्ज़ी, जलेबी, लाल फल, लौंग-ईलायची व मिश्री अर्पित करें। भोजन के बाद ब्राहमणों को वस्त्र, शहद, व दक्षिणा देकर आशीर्वाद लें।

 

विशेष पितृ मंत्र: ॐ पुरुषोत्तमाय नमः॥


मुहूर्त विशेष
अभिजीत मुहूर्त:
दिन 11:52 से दिन 12:41 तक।


अमृत काल: अगले दिन प्रातः 05:35 से प्रातः 07:13 तक।


यात्रा मुहूर्त: दिशाशूल - उत्तर, राहुकाल वास - पश्चिम। अतः उत्तर व पश्चिम दिशा की यात्रा टालें।


वर्जित मुहूर्त: प्रातः 06:08 से रात 14:08 तक भद्रा (पृथ्वी) रहेगी जिसमे शुभ कार्य वर्जित है।

 

आज का गुडलक ज्ञान
गुडलक दिशा
: पूर्व।


गुडलक कलर: नारंगी।


गुडलक मंत्र: ॐ सतां प्रभवे नमः॥


गुडलक टाइम: शाम 18:36 से रात 20:01 तक।


गुडलक टिप: विपदा के नाश हेतु हनुमान मंदिर में गुड़ चढ़ाएं।


बर्थडे गुडलक: सफलता हेतु घर की दक्षिण दिशा में गुगल की 7 अगरबत्ती जलाएं।


एनिवर्सरी गुडलक: पारिवारिक उन्नति हेतु दंपति हनुमान मंदिर में लाल रंग के फल चढ़ाएं।


आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!