Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Feb, 2018 06:03 PM
आचार्य चाणक्य हमारे देश के एक ऐसे महान विद्वान रहे हैं जिनकी बताई गई नीतियां आज भी उतनी ही प्रासंगिक है जितनी उनके समय में थी।
आचार्य चाणक्य हमारे देश के एक ऐसे महान विद्वान रहे हैं जिनकी बताई गई नीतियां आज भी उतनी ही प्रासंगिक है जितनी उनके समय में थी। चाणक्य ने ही अपनी कूटनीति के द्वारा साधारण चन्द्रगुप्त को मगध का राजा बना दिया था। चाणक्य ने ”चाणक्य नीति” नामक किताब लिखी।
श्लोक
अनवस्थितकार्यस्य न जने न वने सुखम।
जने दहति संसर्गो वने सड्गविवर्जनम्।।
अर्थात: एक अविनयशील व्यक्ति सदा ही स्वयं दुख भोगकर और अपने साथ वालों को भी दुखी करता है। जब समाज में रहकर वह समाज के नियमों को तोड़ता है तो वो अपने साथ-साथ दूसरों के लिए कठिनाईयां उत्पन्न करता है। जब उसी व्यक्ति को जंगल में अकेला छोड़ दिया जाता है। साधारण शब्दों में बिना अनुशासन के व्यक्ति के भी कही किसी भी हालात में सुख से नहीं रह सकता है।