इन शुभ योगों में पड़ रही है इस साल की वैशाख पूर्णिमा, मिलेगा पुण्य फल

Edited By Jyoti,Updated: 18 May, 2021 02:45 PM

vaisakh purnima 2021

हिंदू धर्म में पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है। पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाती है।  मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
हिंदू धर्म में पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है। पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाती है।  मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से जीवन में आने वाली सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं। 26 मई को वैशाख पूर्णिमा पड़ रही है और इसे बुद्ध पूर्णिमा भी कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि वैशाख महीने की पूर्णिमा के दिन ही भगवान बुद्ध का जन्‍म हुआ था और महात्‍मा बुद्ध श्री हरि विष्‍णु का नौवां अवतार हैं। बुद्ध पूर्णिमा को हिंदुओं के अलावा बौद्ध धर्म के लोग बौद्ध जयंती के रूप में मनाते हैं। सनातन धर्म में वैशाख पूर्णिमा को अत्यंत पवित्र तिथि माना जाता है।

वैशाखी पूर्णिमा को सत्य विनायक पूर्णिमा भी कहा जाता है। मान्यता है कि श्रीकृष्ण से उनके बचपन के सहपाठी-मित्र ब्राह्मण सुदामा जब द्वारिका मिलने पहुंचे तो श्री कृष्ण जी ने उनको सत्य विनायक व्रत यानी वैशाख पूर्णिमा व्रत का विधान बताया। इसी व्रत के प्रभाव से सुदामा की सारी दरिद्रता दूर हुई और वह सर्वसुख सम्पन्न और ऐश्वर्यशाली हो गए।  इस दिन धर्मराज की पूजा करने की भी मान्यता है। कहते हैं कि सत्यविनायक व्रत से धर्मराज खुश होते हैं। माना जाता है कि धर्मराज मृत्यु के देवता हैं इसलिए उनके प्रसन्‍न होने से अकाल मौत का डर कम हो जाता है। श्रद्धालुओं को वैशाख पूर्णिमा यानी बुध पुर्णिमा का इंतजार बड़ी शिद्दत से रहता है। इस बार 26 मई को बुद्ध पूर्णिमा के  दिन इस साल का पहला चंद्र ग्रहण भी लगने जा रहा है। यह ग्रहण संपूर्ण भारत में नहीं देखा जाएगा, जिस वजह से इसका प्रभाव भी संपूर्ण भारत में नहीं पड़ेगा और ना ही इसका कोई सूतक काल मान्य होगा लिहाजा वैशाख पूर्णिमा पर इस ग्रहण का कोई असर देखने को नहीं मिलेगा।

पूर्णिमा मुहूर्त- 
पूर्णिमा तिथि 25 मई 2021, दिन मंगलवार को रात 08 बजकर 30 मिनट से शुरू होगी, जो कि 26 मई दिन बुधवार को शाम 04 बजकर 43 मिनट तक रहेगी। बुद्ध पूर्णिमा के दिन दो शुभ योग भी बन रहे हैं जिससे इसका महत्व और बढ़ गया है।

इस साल बुद्ध पूर्णिमा के दिन रात 10 बजकर 52 मिनट तक शिव योग रहेगा। इसके बाद सिद्ध योग शुरू हो जाएगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सर्वार्थ सिद्धि योग किसी शुभ कार्य को करने का शुभ मुहूर्त होता है। अगर किसी शुभ कार्य के लिए शुभ मुहूर्त नहीं मिलता तो इस योग में किया जा सकता है। मान्यता है कि इस दो शुभ योग में किए गए कामों में सफलता हासिल होती है। बुद्ध पूर्णिमा के दिन चंद्रमा वृश्चिक राशि और सूर्य वृषभ राशि में विराजमान रहेंगे। इस दिन सूर्य नक्षत्र रोहिणी रहेगा, जबकि नक्षत्र पद अनुराधा और ज्येष्ठा रहेगा।

शास्त्रों के अनुसार, बुद्ध पूर्णिमा के दिन नदियों और पवित्र सरोवरों में स्नान के बाद दान-पुण्य करना पुण्यकारी होता है। बुद्ध पूर्णिमा के दिन किया दान बहुत लाभकारी होता है। कोरोना काल में घर में ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान किया जा सकता है। वैशाख पूर्णिमा के दिन सूर्योदय के बाद स्नान आदि करने के बाद श्री हरि विष्णु की पूजा की जाती है। 

माना जाता है कि इस दिन अलग अलग पुण्य कर्म करने से अलग अलग फलों की प्राप्ति होती है, आइए जानते हैं क्या करने से मिलता है कैसा फल- 
: धर्मराज के निमित्त जलपूर्ण कलश और पकवान दान करने से गोदान के समान फल प्राप्त होता है।
: पांच या सात ब्राह्मणों को मीठे तिल का दान देने से सब पापों का क्षय होता है।
: यदि तिलों के जल से स्नान करके घी, चीनी और तिलों से भरा पात्र भगवान विष्णु को समर्पित करें और उन्हीं से अग्नि में आहुति दें या तिल और शहद दान करें, तिल के : : तेल के दीपक जलाएं, जल और तिलों का तर्पण करें अथवा गंगा आदि में स्नान करें तो व्यक्ति सब पापों से निवृत्त हो जाता है।
: वहीं यदि इस दिन एक समय भोजन करके पूर्णिमा, चंद्रमा या सत्यनारायण का व्रत करें तो सब प्रकार के सुख, सम्पदा और श्रेय की प्राप्ति होती है। साथ ही सभी कष्टों का निवारण होता है।

मान्यता है कि पूर्णिमा के दिन तिल और चीनी का दान शुभ होता है। कहा जाता है कि चीनी और तिल दान करने से अनजान में हुए पापों से भी मुक्ति मिलती है। मान्यता है कि इस दिन मिष्ठान, सत्तू, जलपात्र, वस्त्रदान करने और पितरों का तर्पण करने से बहुत पुण्य की प्रप्ति होती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की पूजा करने से चंद्र दोष से मुक्ति मिलती है और कुंडली में चंद्रमा की शुभता में वृद्धि होती है। वैशाख पूर्णिमा को दिन भर भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें। शाम को चंद्रमा को अर्घ्य दें।

गुरमीत बेदी 
gurmitbedi@gmail.com

Related Story

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!