हिंदू पंचांग: नक्षत्रों ने बदला अपना घर, 30 अप्रैल तक सावधानी पूर्वक करें ये काम

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 02 Apr, 2018 09:07 AM

vaishakh mass

हिंदू पंचांग के अनुसार 1 अप्रैल से वैशाख मास का आरंभ हो गया है और 30 अप्रैल को इसका समापन होगा। विशाखा नक्षत्र के नाम पर वैशाख मास का नामकरण हुआ है। स्कंद पुराण में इस महीने को सर्वोत्तम कहा गया है।

हिंदू पंचांग के अनुसार 1 अप्रैल से वैशाख मास का आरंभ हो गया है और 30 अप्रैल को इसका समापन होगा। विशाखा नक्षत्र के नाम पर वैशाख मास का नामकरण हुआ है। स्कंद पुराण में इस महीने को सर्वोत्तम कहा गया है। भगवान मधुसूदन वैशाख मास के प्रधान देव हैं। शास्त्रों के अनुसार संपूर्ण वैशाख मास में जो व्यक्ति सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करता है और उपवास रखता है, वह भगवान मधुसूदन का प्रिय बन जाता है। स्कंदपुराण के अनुसार राजा महीरथ ने केवल वैशाख स्नान करके स्वर्ग में स्नान प्राप्त कर लिया था।
 
 
ब्रह्ममुहूर्त में उठकर किसी तीर्थ स्थल, सरोवर, नदी अथवा कुएं पर जाकर स्नान करें। फिर शुद्ध वस्त्र धारण करके सूर्य देव को अर्घ्य दें और इस मंत्र का जाप करें- 
वैशाखे मेषगे भानौ प्रात: स्नानपरायण:। अर्ध्य तेहं प्रदास्यामि गृहाण मधुसूदन।।

 
इसके अतिरिक्त करें ये खास काम 
ऊं नमो भगवते वासुदेवाय अथवा ऊं नमो नारायण मंत्र का जाप करें। 

 
व्रत रखें और एक समय भोजन ग्रहण करें। 

 
जल दान का अत्यधिक महत्व है। जहां तक संभव हो पानी का दान करें।

 
पंखे, अनाज और फलों का दान करें।
 
 
स्कंदपुराण में कहा गया है इस महीने में तेल मालिश, दिन के समय सोना, कांसे के बर्तनों में भोजन खाना, दो बार भोजन ग्रहण करना, रात में खाना आदि कार्य करने की मनाही है। 

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