Edited By Jyoti,Updated: 16 May, 2021 03:03 PM
28 मई, 2021 को वैशाख मास की पूर्णिमा पड़ रही है। यूं तो प्रत्येक मास में आने वाली पूर्णिमा तिथि शुभ कहलाती हैं। परंतु वैशाख मास का अपना खासा महत्व है।
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28 मई, 2021 को वैशाख मास की पूर्णिमा पड़ रही है। यूं तो प्रत्येक मास में आने वाली पूर्णिमा तिथि शुभ कहलाती हैं। परंतु वैशाख मास का अपना खासा महत्व है। पुराणों में वैशाख पूर्णिमा को अत्यंत पावन एवं फलदायी माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार वैशाख पूर्णिमा के दिन इस मास में चल रहे स्नान तथा अन्य प्रकार के धार्मिक अनुष्ठानों की संपूर्ण आहूति दी जाती है। तो वहीं धार्मिक स्थलों व मंदिरों आदि में हवन-पूजन के उपरांत वैशाख महात्म्य की कथा का परायण किया जाता है। इसके अलावा भविष्य व आदित्य पुराण में किए उल्लेख के अनुसार इस दिन प्रातः नदियों एवं पावन सरोवरों में स्नान करने के बाद अपने सामर्थ्य के अनुसार दान आदि किया जाता है। ज्योतिष मान्यताएं हैं कि इस दिन धर्मराज के निमित्त जल से भरा हुआ कलश, पकवान एवं मिष्ठान आदि का वितरण करना गौ दान करने से मिलने वाले फल के समान मिलता है।
वैशाख पूर्णिमा के खास मुहूर्त-
वैशाख पूर्णिमा तिथि प्रारंभ- मंगलवार, 25 मई 2021 को रात्रि 8:20 शुरू होकर
बुधवार, 26 मई 2021 को शाम 04:40 मिनट पर पूर्णिमा तिथि समाप्त होगी।
आइए जानते हैं वैसाख पूर्णिमा के दिन कैसे पूजा आदि करनी चाहिए-
इस दिन शक्कर और तिल का दान करते हुए अनजाने में हुए अपने पापों की माफी मांगे, कहा जाता है इससे पापों का क्षय हो जाता है।
पूजा स्थल में विष्णु भगवान की प्रतिमा स्थापित करें और घी से भरे हुए पात्र, तिल और शक्कर स्थापित करें और विधिवत इनकी पूजा करें। संभव हो तो पूजा के समय तिल के तेल का दीपक प्रज्वलित करें।
पवित्र नदियों में स्नान कर हाथ में तिल रखकर पितर तर्पण करें, ऐसा करने से पितृ तृप्त होते हैं एवं उनका आशीर्वाद प्राप्त है।
धार्मिक पुराणों में कहा गया हैै कि वैशाख मास का पूरा माह तथा पूर्णिमा तिथि पूजा-उपासना के लिए विशेष होती है।
इसके अलावा जितना हो सके इस निम्न मंत्रों का जप करना चाहिए-
'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम:'
'ॐ विष्णवे नम:'
ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।'
इसके अलावा इस दिन श्री विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र का पाठ व इनकी श्री आरती का गुणगान करना चाहिए।