Vakri Shani 2022: आज से लेकर 141 दिन तक शनि इन राशियों को बनाएंगे धनवान

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 05 Jun, 2022 12:05 AM

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शनि 29 अप्रैल से अपनी दूसरी राशि कुंभ में गोचर कर रहे हैं। 5 जून सुबह 3.16 मिनट पर शनि वक्री चाल में चलने लगेंगे। वक्री होने का अर्थ किसी ग्रह के सीधे चलते-चलते उल्टा घुम जाने से है। जब भी कोई ग्रह वक्री होता है तो वह अपना प्रभाव मध्यम कर देता है।

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Shani Vakri June 2022: शनि 29 अप्रैल से अपनी दूसरी राशि कुंभ में गोचर कर रहे हैं। 5 जून सुबह 3.16 मिनट पर शनि वक्री चाल में चलने लगेंगे। वक्री होने का अर्थ किसी ग्रह के सीधे चलते-चलते उल्टा घुम जाने से है। जब भी कोई ग्रह वक्री होता है तो वह अपना प्रभाव मध्यम कर देता है। 

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शनि महाराज कुंभ राशि में वक्री होकर 12 राशियों पर अलग-अलग प्रभाव देंगे। वक्री होने पर कोई भी ग्रह तिरछा देखने लग जाता है लेकिन शनि ऐसे ग्रह हैं जिनकी गति मध्यम है, वक्री होने पर वो और भी धीमी गति से अपना प्रभाव दिखाते हैं। जब भी कर कोई ग्रह वक्री होता है तो वे अपनी पहली राशि का असर देने लग जाता है अर्थात शनि देव मकर राशि पर अपना प्रभाव देने लग गए हैं। वक्री होने पर शनि ग्रह पीड़ा में होते हैं। तो ऐसे में शनि से जुड़े कामों को बड़ी ही समझदारी से करना चाहिए, जिससे की शनि के क्रोध का सामना न करना पड़े।

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मान्यता है की शनि वक्री अति शुभ फल देता है। जिन लोगों की कुंडली में शनि वक्री होता है, उनके लिए शनि शुभ फलदायक बन जाता है। वहीं अगर उसकी अच्छी प्लेसमेंट है तो ऐसे लोग कुछ दिनों में धनवान बन जाते हैं। आईए जानते हैं की किस राशि पर शनि क्या प्रभाव देंगे-

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मेष- शनि मेष राशि के 11वें भाव में विराजमान होकर वक्री होंगे। 11वें भाव लाभ का स्थान है। ऐसे में इन राशि वालों को व्यापार में लाभ मिलने के आसार बन रहे हैं।

वृष- शनि वृष राशि के 10 वें भाव में विराजमान हैं। इस भाव को कर्म भाव कहा जाता है। कर्म भाव में वक्री शनि व्यापार, पिता व कार्यक्षेत्र में शुभ परिणाम देने का काम करता है। 

मिथुन- शनि मिथुन राशि के 9 वें भाव में अपना असर दे रहे हैं। शनि वक्री होने पर यहां पर अपने पूर्वजों को और भाग्य को जल से संबंधित यात्रओं को प्रभावित करेंगे। ऐसे में जातक का मंद पड़ा भाग्य जागृत हो जाता है।

कर्क- शनि कर्क राशि के 8 वें भाव में गोचर कर रहे हैं, 8वें भाव में बैठा वक्री शनि मकान से संबंधित कामों में अड़चन पैदा करता है।  ऐसे में घर-मकान बनाने का विचार नहीं करना चाहिए। सेहत के प्रति भी ये स्थिति उत्तम नहीं है।

सिंह- शनि का सिंह राशि के 7 वें भाव में वक्री होना शुभ परिणाम लेकर आया है। 7 वां भाव शनि के मित्र शुक्र का भाव है, यहां पर शनि पार्टनरशिप में लाभ दिलाने का काम करेगा। डेली इनकम में वृद्धि होगी।

कन्या- शनि का 6 वें भाव में आना शत्रुओं को हराने में अत्यधिक बलि होता है। ऐसे में शनि की वक्री स्थिति आपके प्रतियोगियों को हराने में सहायक होगी। 

तुला- शनि 5 वें भाव में गोचर कर रहे हैं। इस भाव में वक्री होने पर पब्लिक से लाभ कमाने की दिक्कत आ सकती है। संतान एवं प्रेम संबंधों में भी शनि परेशानी का कारण बनेगा। 

वृश्चिक- शनि चौथे भाव में आने से प्रॉपर्टी बनाने में विशेष लाभकारी सिद्ध होंगे। आकस्मिक धन लाभ या धन का प्रॉपर्टी में निवेश करने का योग बनाते हैं। 

धनु- शनि तीसरे भाव में गोचर कर रहे हैं और इस भाव में वक्री होने पर भाई-बहनों को दूर करते हैं। पड़ोसियों से संबंधों को थोड़ा उदासीन कर देते हैं। छोटी यात्राएं करने में लाभ मिलेगा।

मकर- शनि दूसरे भाव में गोचर करेंगे। शनि पहले इसी राशि में थे, ये मकर राशि वालों को फिर से धन लाभ देकर जाएंगे परंतु इनके वक्री होने पर विश्व में थोड़ी उथल-पुथल होने के आसार भी बन रहे हैं।

कुंभ- शनि पहले भाव में गोचर कर रहे हैं। इसी भाव में रहते हुए शनि का वक्री प्रभाव होना इन राशि वालों के नाम और सफलता दिलाने में सहायक होगा। व्यापार के रास्ते भी खुलेंगे।
 
मीन- 12वें भाव में वक्री होकर ये मीन राशि वालों को विदेश यात्राओं के लिए लाभदायक रहेगा। अगर यहां बैठे शनि का प्रभाव शुभ है तो व्यक्ति विदेश यात्रा करता है अन्यथा जेल की यात्रा करता है।

नीलम
8847472411 

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