Edited By Niyati Bhandari,Updated: 30 Apr, 2019 10:07 AM
आज मंगलवार 30 अप्रैल, 2019 को भगवान विष्णु के प्रिय दिनों में से एक वरुथिनी एकादशी है। ये पुण्य और सौभाग्य देने वाली एकादशी है। वरुथिनी शब्द संस्कृत भाषा के ''वरुथिन्'' से बना है, जिसका मतलब है प्रतिरक्षक, कवच या रक्षा करने वाला। शास्त्रों के अनुसार
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आज मंगलवार 30 अप्रैल, 2019 को भगवान विष्णु के प्रिय दिनों में से एक वरुथिनी एकादशी है। ये पुण्य और सौभाग्य देने वाली एकादशी है। वरुथिनी शब्द संस्कृत भाषा के 'वरुथिन्' से बना है, जिसका मतलब है प्रतिरक्षक, कवच या रक्षा करने वाला। शास्त्रों के अनुसार इस एकादशी पर भगवान विष्णु के वराह अवतार स्वरूप का पूजन किया जाता है। वरूथिनी एकादशी के व्रत में कुछ वस्तुओं का पूर्णतया निषेध है, इस दिन तेलयुक्त भोजन, जुआ, दिन में निद्रा, पान, दातून, परनिंदा, क्रोध असत्य बोलना कार्य वर्जित है। रात्रि में भगवान का नाम स्मरण करते हुए जागरण करें और द्वादशी को तामसिक भोजन का परित्याग करके व्रत का पालन किया जाता है। इस व्रत में अन्न न खाने की वर्जना के साथ-साथ कांसे के बर्तन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए व मधु यानि शहद नहीं खाना चाहिए।
पूजन विधि: घर की उत्तर दिशा में पीला वस्त्र बिछाकर वराह अवतार या भगवान विष्णु का चित्र स्थापित करके विधिवत पंचोपचार पूजन करें। पीतल के दिये में गाय के घी का दीप करें, सुगंधित धूप करें, तुलसी पत्र चढ़ाएं, केसर से तिलक करें, पीले फल जैसे आम या केले का भोग लगाएं तथा किसी माला से इस विशेष मंत्र का 1 माला जाप करें। पूजन के बाद भोग गाय को खिलाएं।
वरुथिनी एकादशी : रोगों से मुक्ति पाने के लिए आज ही करें ये काम (VIDEO)
पूजन मंत्र: ॐ वराहाय नमः ॥
आज के स्पेशल उपाय
हैल्थ: पीले कपड़े में 11 आंवले बांधकर गरीब को दान करें।
एजुकेशन: विष्णु मंदिर में सूर्यमुखी के फूल चढ़ाएं।
वेल्थ: भोजपत्र पर हल्दी से "वं" लिखकर जेब में रखें।
प्रॉफ़ेशन: 11 चने के दाने पेंट की जेब में रख लें।
लव: नाभि पर थोड़ा सा केसर लगाएं।
मैरिज: जीवनसाथी को केले खिलाएं।
फॅमिली: भगवान विष्णु के चित्र पर 4 हल्दी की गांठें चढ़ाएं।
आचार्य कमल नंद लाल
kamal.nandlal@gmail.com