Edited By Jyoti,Updated: 06 May, 2021 03:23 PM
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार प्रत्येक एकादशी के दिन श्री हरि विष्णु की आराधना की जाती हैं। यूं तो श्री हरि को बहुत से मास प्रिय है, पर मान्यता है कि सबसे प्रिय हैं
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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार प्रत्येक एकादशी के दिन श्री हरि विष्णु की आराधना की जाती हैं। यूं तो श्री हरि को बहुत से मास प्रिय है, पर मान्यता है कि सबसे प्रिय हैं उन्हें प्रत्येक मास में आने वाली एकादशी तिथि। 07 मई को वैशाख मास के कृष्ण पक्ष के वरुथिनी एकादशी का पर्व मनाया जाएगा। जिसके उपलक्ष्य में लोग व्रत आदि रखते हैं, पंरतु बहुत कम लोग हैं जिन्हें जिन्हें इस दिन श्री हरि की पूजा कैसे करनी चाहिए, इस बारे में कोई जानकारी नहीं होती। ज्योतिषी बताते हैं जो व्यक्ति व्रत रखता है पर विधि पूर्वक पूज नहीं करता उसे व्रत का शुभ फल प्राप्त नहीं होता। तो चलिए जानते हैं एकादशी व्रत के दिन की जाने वाली पूजन विधि के बारे में-
व्रत वाले दिन को लेकर तो कई मान्यताएं प्रचलित हैं, पर बहुत कम लोग जानते हैं एकादशी तिथि के दिन अगर व्रत करना हो, तो दशमी तिथि की रात्रि में व्रती को सात्विक भोजन करना चाहिए।
बता दें धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी का व्रत दो प्रकार से होता है, पहला निर्जला एंव दूसरा फलाहार व्रत।
एकादशी तिथि को प्रातः सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर, सबसे पहले व्रत का संकल्प करें।
इसके बाद श्री हरि को अक्षत, दीपक, नैवेद्य आदि 16 सामग्री से उनकी विधि वत पूजा करें।
अगर घर के पास कोई पीपड़ का पेड़ हो तो इस दिन उसकी पूजा अवश्य करें तथा इस पर कच्चा दूध चढ़ाकर यहां दीपक प्रज्वल्लित करें।
चूंकि श्री हरि को तुलसी अधिक पंसद है, इसलिए पूजन में तुलसी भी शामिल करें,
पूजन के दौरान ॐ नमो भगवत वासुदेवाय नम: के मंत्र का जप करते रहें।
दिन में समय-समय पर भगवान विष्णु का स्मरण करें
रात में पूजा स्थल के समीप जागरण करें और पूजा अर्चना करें।
द्वादशी को व्रत खोलें। ध्यान रहें व्रत पारण मुहुर्त में खोलें। व्रत खोलने के बाद ब्राह्मण या किसी गरीब को भोजन जरूर कराएं।