Edited By Lata,Updated: 30 Jan, 2020 11:46 AM
इस साल वसंत पंचमी का पर्व दो दिन यानि 29 व 30 जनवरी को मनाया जा रहा है। इस दिन लोग अपने घरों
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इस साल वसंत पंचमी का पर्व दो दिन यानि 29 व 30 जनवरी को मनाया जा रहा है। इस दिन लोग अपने घरों की छतों पर पतंग उड़ाकर अपनी खुशी को जाहिर करते हैं। इसके साथ ही इस दिन माता सरस्वती की पूजा की जाती है। बता दें कि आज दोपहर 1.20 मिनट तक ही ये तिथि रहने वाली है। अब आज के दिन सरस्वती देवी की पूजा तो हर कोई करता है लेकिन क्या कोई इसके पीछे की वजह को जानता है? अगर नहीं तो चलिए हम आपको बताते हैं इससे जुड़ी कुछ रोचक जानकारी।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सृष्टि के प्रारंभ में ही भगवान विष्णु की आज्ञा से ब्रह्मा जी ने मनुष्य योनि की रचना की, परंतु वह अपनी सर्जना से संतुष्ट नहीं थे। तब उन्होंने विष्णु जी से आज्ञा लेकर अपने कमंडल से जल को पृथ्वी पर छि़ड़क दिया, जिससे पृथ्वी पर कंपन होने लगा और एक अद्भुत शक्ति के रूप में चतुर्भुजी सुंदर स्त्री प्रकट हुई। जिनके एक हाथ में वीणा एवं दूसरा हाथ वर मुद्रा में था। वहीं अन्य दोनों हाथों में पुस्तक एवं माला थी। जिसे देखकर ब्रह्मा जी ने वीणा बजाने का अनुरोध किया। ब्रह्मा जी के अनुरोध पर जैसे ही देवी ने वीणा बजाना शुरू किया, पूरे संसार के सभी प्राणियों को बोलने की क्षमता का विकास हुआ। समुद्र कोलाहल करने लगा। हवा में सरसराहट होने लगी। यह सब देखकर ब्रह्मा जी ने देवी को वाणी की देवी का नाम दिया। इसके बाद से ही सरस्वती को वीणावादिनी, वाग्देवी, बगीश्वरी के अन्य नामों से पूजा जाता है।
शास्त्रों में वसंत पंचमी के दिन को मां के जन्मोत्सव के रूप में भी मनाते हैं। पुराणों के अनुसार श्रीकृष्ण ने सरस्वती से खुश होकर उन्हें वरदान दिया था कि वसंत पचंमी के दिन तुम्हारी भी आराधना की जाएगी।
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