Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Jan, 2018 11:01 AM
प्रात:काल स्नान के बाद पीले वस्त्र पहनकर धूप, दीप, नैवेद्य व लाल रोली से भगवान विष्णु व सरस्वती जी की पूजा-अर्चना की जानी चाहिए परंतु इससे पूर्व गणेश जी का पूजन अवश्य होना चाहिए। पीले व मीठे चावलों का भोग लगाना चाहिए। वाणी, शिक्षा एवं अन्य कलाओं की
प्रात:काल स्नान के बाद पीले वस्त्र पहनकर धूप, दीप, नैवेद्य व लाल रोली से भगवान विष्णु व सरस्वती जी की पूजा-अर्चना की जानी चाहिए परंतु इससे पूर्व गणेश जी का पूजन अवश्य होना चाहिए। पीले व मीठे चावलों का भोग लगाना चाहिए। वाणी, शिक्षा एवं अन्य कलाओं की अधिष्ठात्री देवी मां की आराधना छात्रों को अवश्य करनी चाहिए। इस दिन सरस्वती सिद्ध करके मंत्र साधना में सिद्धि प्राप्त करनी चाहिए। कंठ में सरस्वती को स्थापित किया जाता है। स्वर, संगीत, ललित कलाओं, गायन वादन, लेखन यदि इस दिन आरंभ किया जाए तो जीवन में सफलता अवश्य मिलती है।
कमजोर छात्र क्या करें उपाय?
जो विद्यार्थी शिक्षा में कमजोर हैं, आज के दिन 6 मुखी रुद्राक्ष धारण करें। इससे उनकी एकाग्रता बढ़ेगी।
प्राण-प्रतिष्ठायुक्त सरस्वती माता का चित्र अपने अध्ययन कक्ष या टेबल पर रखें।
यदि किसी नवजात बच्चे के जन्म पर सोने की सलाई को शहद में डुबो कर उसकी जीभ पर ‘ओम्’ लिख दिया जाए तो वह विद्या में प्रवीण होता है और उसकी स्मरण शक्ति प्रखर रहती है।
अपनी टेबल पर क्रिस्टल या स्फटिक का ग्लोब रखें और उसे दिन में कम से कम 3 बार घुमाएं।
परीक्षा से एक सप्ताह पूर्व छात्र को दही और मीठा खिलाना आरंभ कर दें।
पढ़ाई सदा टेबल-कुर्सी पर बैठ कर ही करें और मुख पूर्व या उत्तर या उत्तर-पूर्व की ओर रखें। पीठ के पीछे ठोस दीवार हो, खिड़की नहीं।
कम्प्यूटर आग्नेय कोण अर्थात दक्षिण-पूर्व दिशा और पुस्तकों की अलमारी, दक्षिण-पश्चिम में रखें।
जहां बैठते हैं वहां क्रिस्टल बॉल लटका लें या टेबल पर अभिमंत्रित एजुकेशन टावर रखें। इससे एकाग्रता बढ़ती है।
पढऩे वाले स्थान के पर्दे, कुर्सी के कवर आदि हल्के हरे रखें, काले या गहरे नीले न हों।
पढऩे बैठने से पहले-ओम् ऐं हृीं सरस्वत्यैै नम: का 5,11 या 21 बार मंत्र जाप करें।
तुलसी के 11 पत्ते, मिश्री के साथ गटक जाएं, उन्हें चबाएं नहीं।
विद्यार्थी मां सरस्वती की पूजा कर गरीब बच्चों में कलम व पुस्तकों का दान करें।
संगीत से जुड़े व्यक्ति अपने साज पर तिलक लगा कर मां की आराधना कर सकते हैं व मां को बांसुरी भेंट कर सकते हैं।