Edited By Niyati Bhandari,Updated: 12 Apr, 2021 04:30 PM
आज 13 अप्रैल मंगलवार से चैत्र मास के नवरात्रि आरंभ हो रहे हैं। 21 अप्रैल को नवमी तिथि पड़ेगी। नवरात्रि का व्रत पारण 22 अप्रैल दशमी के दिन होगा। आादिशक्ति के 9 स्वरूपों की आराधना का यह पर्व प्रथम तिथि को
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Navratri 2021 Know how to do Kalash Sthapana: 13 अप्रैल मंगलवार से चैत्र मास के नवरात्रि आरंभ हो रहे हैं। 21 अप्रैल को नवमी तिथि पड़ेगी। नवरात्रि का व्रत पारण 22 अप्रैल दशमी के दिन होगा। आादिशक्ति के 9 स्वरूपों की आराधना का यह पर्व प्रथम तिथि को कलश स्थापना से आरंभ होता है। नवरात्र के नौ दिनों में माता के नौ स्वरूपों (शैल पुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूषमांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी तथा सिद्धिदात्री) की पूजा की जाती है जिन्हें नवदुर्गा कहते हैं। शास्त्रों में दुर्गा के नौ रूप बताए गए हैं। नवरात्र में घट स्थापना और अखंड ज्योति प्रज्वलित की जाती है। घट की स्थापना करते समय वास्तु नियमों का पालन किया जाए तो बहुत शुभ होता है। ऐसा करने से माता रानी प्रसन्न होती हैं। जानिए इन वास्तु नियमों के बारे में-
Kalash Sthapana Vidhi: ईशान कोण अर्थात उत्तर पूर्व को देवताओं की दिशा माना जाता है। इस दिशा में माता की प्रतिमा और घट की स्थापना करना शुभ होता है।
जो माता के सामने अखंड ज्योति प्रज्वलित करते हैं उन्हें इसे आग्नेय कोण (पूर्व-दक्षिण) में रखना चाहिए। पूजन के समय मुंह पूर्व या उत्तर दिशा में रखें।
चंदन की लकड़ी पर घट स्थापना करना शुभ होता है। पूजा स्थल के पास सफाई होनी चाहिए। वहां कोई गंदा कपड़ा या वस्तु न रखें।
जो लोग नवरात्रों में ध्वजा को बदलते हैं। वे ध्वजा को छत पर उत्तर पश्चिम दिशा में लगाएं।
पूजा स्थल के सामने थोड़ा स्थान खुला होना चाहिए। जहां बैठकर पूजा और ध्यान लगाया जा सके।
घट स्थापना स्थल के आस-पास शौचालय या स्नानगृह नहीं होना चाहिए।