वास्तु के अनुसार खास त्यौहारों पर ऐसे सजाएं घर, मिलेगा लाभ ही लाभ

Edited By Jyoti,Updated: 18 Jun, 2021 03:45 PM

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घर के वास्तु का उत्तम होना अधिक जरूरी माना जाता है। कहा जाता है अगर वास्तु उत्तम ना हो तो घर और जीवन में सुख शांति की कमी होती है तथा घर में धन और धान्य का आगमन नहीं होता।

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घर के वास्तु का उत्तम होना अधिक जरूरी माना जाता है। कहा जाता है अगर वास्तु उत्तम ना हो तो घर और जीवन में सुख शांति की कमी होती है तथा घर में धन और धान्य का आगमन नहीं होता। इसलिए घर में वास्तु शास्त्र का ध्यान रखना अधिक आवश्यक माना जाता है। खास तौर पर कहा जाता है कि जब भी कोई त्यौहार आदि आता है तो इसे वास्तु के रीति-रिवाजों के अनुसार सजाने से जीवन में सुख समृद्धि के साथ साथ खुशियां उत्पन्न होती है। आज हम आपको इन्हीं उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके अनुसार छोटे बड़े त्यौहार आने पर वास्तु के अनुसार घर में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

वास्तु शास्त्र में  किसी भी घर का सबसे मुख्य हिस्सा होता है उस घर का द्वार। स्वागत द्वार कहा जाता है। कहां जाता है इसी से घर में नकारात्मक व सकारात्मक उर्जा आती है। इसलिए प्रतीक पर्व पर मुख्य द्वार को तोरण रंगोली तथा दीपक आदि के साथ सजाना चाहिए। इससे घर में सकारात्मकता आती है। इसके अलावा इस बात का ध्यान अवश्य रखें कि मुख्य द्वार में कहीं चित्र या फिर दरार न हो तथा इसे खोलने व बंद करने में किसी तरह की आवाज उत्पन्न ना हो। जिस घर के दरवाजे खास तौर पर मुख्य द्वार से आवाज आती है वहां पर रहने वाले लोगों के जीवन में तरह तरह की समस्याएं पैदा होती है। शुभ लक्षणों से युक्त मुख्य द्वार देवी लक्ष्मी तथा अन्य देवी देवताओं को घर में आमंत्रित करता है।

त्योहारों व पर्व आदि पर घर की साफ सफाई और लिपाई पुताई की भी परंपरा प्रचलित है। वास्तु के अनुसार दरारें, टूट-फूट, सीलन के निशान और बदरंगी दीवारें शुभ उर्जा को ग्रहण करने में असमर्थ होती है। इसलिए वास्तु के अनुसार ही घर के सजाएं।

प्यार को परख के दौरान घर का वातावरण हमेशा धूप अगरबत्ती से सुगंधित करना चाहिए। इसके अलावा अन्य जिलों में भी घर में सुगंध का होना शुभ माना जाता है शास्त्र शास्त्र कहते हैं- सुगंधिम् पुष्टिवर्द्धनम्। जिसके अनुसार घर में दुर्गंध फैली नहीं होनी चाहिए।

देवी लक्ष्मी को अपने घर में आमंत्रित करने के लिए सबसे पहले घर में से पुरानी और अनुपयोगी वस्तुओं को निकाल देना चाहिए। कहा जाता है कि कबाड़ से मुक्ति पाने का सीधा संबंध आर्थिक प्रगति से होता है, इसलिए घर में कबाड़ को जमा करके नहीं रखना चाहिए।

इस बात का ख्याल रखें कि घर में पूजन कक्ष हमेशा स्थान यानी उत्तर पूर्व दिशा में ही हो। खास तौर पर त्योहारों आदि पर पूजा इसी कक्ष में या फिर पूर्व मध्य अथवा उत्तर मध्य के किसी कक्ष में की जानी चाहिए इसके अलावा घर का मध्य भाग ब्रह्मस्थान के लाता है जहां पर पूजा करनी शुभ मानी जाती है।

 

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