Edited By Lata,Updated: 14 May, 2019 02:22 PM
आज के समय में पैसा हर किसी की जरूरत बन चुका है, ये बात तो सब जानते ही हैं। कहते हैं कि पैसा न हो तो घर बनाने की ख्वाहिश इंसान के मन में रह जाती है।
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आज के समय में पैसा हर किसी की जरूरत बन चुका है, ये बात तो सब जानते ही हैं। कहते हैं कि पैसा न हो तो घर बनाने की ख्वाहिश इंसान के मन में रह जाती है। लेकिन वहीं दूसरी ओर ्गर घर वास्तु के हिसाब से न बना हो तो व्यक्ति को अपनी जीवन में बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार मकान बनवाते समय हर किसी चीज़ के लिए दिशआ निर्धारित होती है। जैसे कि घर का मुख्य दरवाजा किस दिशा में होना चाहिए, रसोईघर कैसा और किस दिशा में बनाया जाए, सोने के कमरे या बच्चों के कमरे की दिशा क्या हो, खिड़कियां कहां और कैसी हों, अलमारी कहां बनवाई जाए या रखी जाए, शौचालय या स्नानघर किस दिशा में हो आदि। अगर वास्तु के हिसाब से घर बनवाया जाए तो घर में खुशहाली और सुख-समृद्धि बनी रहती है। तो आइए जानते हैं कि किस दिशा में क्या होना चाहिए।
वास्तु के अनुसार पूर्व की दिशा में सूर्योदय होने से इस तरफ से सकारात्मक ऊर्जा से भरी किरणें हमारे घर में प्रवेश करती हैं। घर के मालिक की लंबी उम्र और संतान सुख के लिए घर के मुख्य दरवाजे और खिड़की का पूर्व दिशा में होना शुभ माना जाता है और इसके साथ ही बच्चों को भी इसी दिशा की ओर पढ़ाई करनी चाहिए।
पश्चिम दिशा की जमीन का ऊंचा होना आपकी सफलता व कीर्ति के लिए शुभ संकेत है। आपका रसोईघर और टॉयलेट इस दिशा में हो तो सबसे बेहतर।
अगर आप घर में बालकनी बनवा रहें हैं तो उत्तर दिशा सबसे बेहतर मानी गई है। उत्तर दिशा में घर का प्रवेश द्वार होना बहुद शुभ और लाभकारी होता है। उत्तर दिशा में सबसे ज्यादा खिड़की और दरवाजे होने चाहिए। घर की बालकनी व वॉश बेसिन भी इसी दिशा में होना चाहिए।
दक्षिण दिशा पर भारी सामान रखने से घर के सदस्य सुखी, समृद्ध और निरोगी होते हैं। आलमारी का लॉकर भी इसी दिशा में रहे पर उसमें बढ़ोतरी होती है। दक्षिण दिशा में किसी भी प्रकार का खुलापन, शौचालय आदि नहीं होना चाहिए।
उत्तर-पूर्व दिशा को वास्तु में बहुत ही शुभ माना गया है। ईशान दिशा जल की दिशा होती है। इस दिशा में बोरिंग, स्वीमिंग पूल, पूजास्थल आदि होना चाहिए।