वास्तु से जुड़ी भ्रांतियां- चमत्कार नहीं विज्ञान है

Edited By Jyoti,Updated: 15 Apr, 2018 05:04 PM

vastu is not miracle

हमारे प्राचीन ऋषि-मुनियों ने वास्तुशास्त्र के रूप में हमें अमूल्य भेंट प्रदान की है। हमारे इसी प्राचीन शास्त्र का विश्व के अनेक देशों ने उपयोग में लाकर काफी लाभ उठाया है परंतु हम इससे दूर भागते जा रहे हैं और इसे अनेक शंका-कुशंकाओं की दृष्टि से देख...

हमारे प्राचीन ऋषि-मुनियों ने वास्तुशास्त्र के रूप में हमें अमूल्य भेंट प्रदान की है। हमारे इसी प्राचीन शास्त्र का विश्व के अनेक देशों ने उपयोग में लाकर काफी लाभ उठाया है परंतु हम इससे दूर भागते जा रहे हैं और इसे अनेक शंका-कुशंकाओं की दृष्टि से देख रहे हैं। 

 

वास्तुशास्त्र को लेकर लोगों में दो तरह की विचारधाएं पनपने लगी हैं। एक वे लोग हैं जो इस प्राचीन भारतीय कला को पूरी तरह अंधविश्वास और तंत्र-मंत्र मान कर नकार देते हैं और एक वे हैं जो इस पर आंख मूंदकर विश्वास करते हैं। वास्तविकता यह है कि वास्तुशास्त्र भवन निर्माण की एक वैज्ञानिक पद्धति है न कि कोई चमत्कारिक विद्या या संजीवनी बूटी जिससे रातों-रात कोई लखपति बन सकता है। 


कुछ लोग ऐसे हैं जो वास्तु को एक पारस पत्थर मानकर इस पर अंधाधुंध विश्वास करते हैं। ऐसे लोग अपनी परेशानियों और वास्तुदोषों के निवारण के लिए तांत्रिकों और ओझाओं के पास भटकते रहते हैं, और अपना धन और समय दोनों बर्बाद करते हैं। उनके लिए यह जान लेना आवश्यक है कि वास्तु सिर्फ विज्ञान है, कोई दैवीय शक्ति नहीं।


दूसरा पक्ष वह है जो वास्तु को पूर्णत: नकारता है। वे भी यह अच्छी तरह जान लें कि वास्तु कोई ढोंग-ढकोसले की पद्धति नहीं हैं।


भले ही आपके पास जीवन की सभी सुख-सुविधाएं उपलब्ध हैं और आपने वास्तु को कभी नहीं माना मगर फिर भी आप यह अवश्य जान लें कि वास्तु एक वैज्ञानिक और गणितीय पद्धति है जिसमें विज्ञान के समस्त नियमों का अक्षरश: पालन किया गया है। घर-मकान तो आपको बनवाना ही है, चाहे आप उसमें लाखों रुपया खर्च करें, तो इसमें यदि वास्तु के नियमों का पालन कर लिया जाए तो इसमें बुराई ही क्या है? इसमें कोई अतिरिक्त खर्च तो है नहीं। वास्तुशास्त्र किसी धर्म से भी संबंधित नहीं है जिसे मात्र धार्मिक आधार पर नकारा जाए।


वास्तु का उद्देश्य केवल एक ही है कि सभी लोग सुखी जीवन व्यतीत करें। कुछ लोग यह प्रश्न भी करते हैं कि क्या वास्तु के बिना बिल्कुल काम नहीं चल सकता? 
इसका उत्तर यह है कि आप वास्तु के बिना भी सुखी जीवन व्यतीत कर सकते हैं लेकिन अगर आप कोई नवनिर्माण करा रहे हैं और वास्तु के नियमों को शामिल करके लाभ उठा सकते हैं तो इसमें हर्ज ही क्या है।


वास्तविकता यह है कि योग्य विद्वानों के अभाव ने इस प्राचीन पद्धति को लगभग खत्म-सा कर दिया था, इसलिए बीच के समय में लोगों का ध्यान वास्तु से हट गया था। अब अत्यंत भागदौड़ और व्यस्ततापूर्ण जीवनचर्या में सुख-चैन की चाह ने एक बार फिर लोगों का ध्यान इस ओर आकृष्ट किया है। इसलिए इस विज्ञान को बढ़ाने के लिए आवश्यक है कि इसके बारे में अपने मन में पनप रही गलतफहमियों को निकाल बाहर फैंकें, तभी आप सही रूप में वास्तु के गुणों को समझ पाएंगे। 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!