Edited By Lata,Updated: 09 Mar, 2020 12:52 PM
होली का त्योहार पूरे देश में बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। रंगों का ये पर्व हर किसी के लिए बहुत ही
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होली का त्योहार पूरे देश में बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। रंगों का ये पर्व हर किसी के लिए बहुत ही खास होता है। इस साल ये पर्व आज यानि 09 मार्च को मनाया जा रहा है। एक तरफ जहां खूब मस्ती हंसी-ठिठोली की जाती है, वहीं दूसरी ओर वास्तु दोषों के निवारण के लिए होली के त्योहार को बहुत महत्पूर्ण माना गया है। वास्तु के अनुसार अगर छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखकर ये त्योहार मनाया जाएगा तो आपके आस-पास से सारी नकारात्मक शक्ति दूर हो जाएगी और साथ ही होली का पर्वन पहले से अधिक मजेदार हो जाएगा।
पूजा के लिए सही दिशा
वास्तु के अनुसार पूजा करने के लिए यानि कि होलिका दहन करने के लिए दक्षिण-पूर्व दिशा सही मानी गई है। घर के अंदर पूजा करने की बजाए, घर के आंगन में होलिका दहन करेंगे तो अधिक लाभ मिलेगा। पंच तत्वों के संतुलन को बनाए रखने के लिए,घर के उत्तर एवं उत्तर-पूर्व में होलिका दहन करना वास्तु सम्मत नहीं है क्यों कि ये जल की दिशाएं हैं। होलिका दहन के पश्चात प्रज्वलित अग्नि की परिक्रमा करें, इससे रोग और नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव समाप्त होगा।
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दिशानुसार उड़ाएं गुलाल
यदि आपका घर पूर्व मुखी है और आप इस दिशा में होली खेल रहे हैं तो घर में स्नेहशील वातावरण के विकास एवं मान-सम्मान में वृद्धि के लिए सात्विक और ऊर्जा प्रदान करने वाले रंग जैसे लाल, पीला, हरा, गुलाबी, नारंगी आदि का इस्तेमाल करके समृद्धि को बढ़ा सकते हैं। उत्तर मुखी घर के लिए पीले, हरे,आसमानी और नीले रंगों का प्रयोग इस दिशा में होली खेलने के लिए बहुत शुभ माने गए है। ऐसा करने से आप अपने जीवन में स्पष्टता और उन्नति के नए अवसरों को आमंत्रित कर सकते हैं। दक्षिण मुखी घर में आप गहरा लाल, नारंगी, गुलाबी एवं बैंगनी रंगों का प्रयोग कर सकते हैं।
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दूर होगा वास्तु दोष
वास्तु शास्त्र के अनुसार होलिका दहन के बाद होली की राख को लाकर घर के दक्षिण-पूर्व दिशा में रखने से सारी नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती है। इसी प्रकार होलिका की भस्म को अपने मस्तक एवं गले पर लगाने से स्वास्थ्य सुख बना रहेगा। ऐसा करने से वहां सभी प्रकार की सुख-शांति बनी रहती हैं,दुःख-दरिद्र जाता है एवं आर्थिक परेशानियां दूर होती है।
ऐसे पहनें कपड़े
होली खेलने के लिए बहुत से लोग नए व कुछ लोग पुराने कपड़ों का प्रयोग करते हैं। जबकि कपड़े पहनते समय ध्यान रखना चहिए कि इस दिन कपड़ों में गहरे रंगों का प्रयोग नहीं न हो। बल्कि इसके स्थान पर हल्के रंगों के कपड़ों को प्राथमिकता दें। इनमें भी सफ़ेद रंग को सबसे अच्छा माना गया है क्योंकि यह रंग चंद्रमा का प्रतिनिधित्व करता है।