Edited By Lata,Updated: 30 Sep, 2019 01:43 PM
आज के समय में बहुत से लोग हैं जो वास्तु पर भरोसा और बहुत से ऐसे भी हैं जो इस पर जरा भी विश्वास नहीं करते हैं।
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
आज के समय में बहुत से लोग हैं जो वास्तु पर भरोसा और बहुत से ऐसे भी हैं जो इस पर जरा भी विश्वास नहीं करते हैं। लेकिन बता दें कि वास्तु के हिसाब से अगर घर या घर को सजाया जाए तो इंसान हमेशा वास्तु दोष से मुक्त रहता है। वास्तु विज्ञान के अनुसार घर की कौन सी दिशा सही है और कौन सी नहीं, किस दिशा में कौन सी वस्तु रखें और कौन सी नहीं, आदि चीजें आप जानते ही होंगे। इसके अलावा कौन सी वस्तुएं घर में रखने से सकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करके नकारात्मक ऊर्जा लाती हैं, इसका उल्लेख भी वास्तु शास्त्र में बखूबी किया गया है। लेकिन आज हम आपको किसी दिशा के बारे में नहीं बताने जा रहे, बल्कि आपको कुछ ऐसी वस्तुओं के बारे में बताने जा रहे हैं जो यदि घर में हों तो किसी भी प्रकार का वास्तु दोष नहीं हो सकता।
ऐसी वस्तुएं घर में रखने से नकारात्मक ऊर्जा को खत्म करती हैं। दोष चाहे कैसा भी हो, घर की किचन, बाथरूम या बेडरूम को बनाने के लिए बेशक गलत दिशा का प्रयोग किया गया हो, फिर भी ये वस्तुएं उन दोषों को काटने में सक्षम साबित होती हैं।
हिंदू धर्म से संबंध रखने वाले लोगों के लिए ‘ॐ’ शब्द आम लेकिन खास महत्व रखने वाला है। ॐ सब जगह है, मनुष्य के भीतर, इस ब्रह्मांड में तथा मनुष्य के कण-कण में बसा है ॐ। इसलिए वास्तु में भी इसे अत्यधिक जरूरी माना गया है और इसके साथ ही स्वास्तिक को भी शुभ माना जाता है। इसके अलावा स्वास्तिक पिरामिड को दरवाजे के दोनों ओर ऊपर की तरफ लगा सकते हैं।
मंगल कलश भी भारतीय परम्परा का एक अनिवार्य अंग है, जिसमें शुभ प्रतीकों के माध्यम से सौभाग्य को आमंत्रित किया जाता है। यह मिट्टी का पात्र होता है, जिसमें शुद्ध जल भरा होता है। इस पर अशोक या आम की पत्तियों का प्रयोग भी किया जाता है। इसके अलावा कलश के मुख के आसपास लाल धागा यानि कि मौली का प्रयोग किया जाता है। धार्मिक संदर्भ से मंगल कलश को स्वास्थ्य, समृद्धि और कल्याण का सूचक माना गया है। सभी शुभ संस्कारों में इसकी उपस्थिति अनिवार्य होती है।