Edited By Lata,Updated: 19 Nov, 2019 01:48 PM
कहते हैं कि अगर हर एक चीज़ को वास्तु के हिसाब से सजाया जाए तो व्यक्ति के जीवन में तरक्की आती है
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कहते हैं कि अगर हर एक चीज़ को वास्तु के हिसाब से सजाया जाए तो व्यक्ति के जीवन में तरक्की आती है और उसकी लाइफ खुशहाली से व्यतीत होती है। लेकिन उसके उल्ट अगर घर में परेशानी चल रही हो और कोई न कोई मुसीबत का सामना करना पड़ता हो तो इसके पीछे का कारण घर में मौजूद वास्तु दोष हो सकता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार प्लाट या मकान को बनवाते समय हमेशा उसके लिए सही दिशा के चुनाव करना बहुत जरूरी होता है। आज हम आपको इसी से जुड़ी कुछ ऐसी रोचक जानकारी देने जा रहे हैं, जिसमें आपको मकान की सही दिशा के बारे में बताएंगे।
अगर आप अपने घर के फर्श की ढाल पूर्व, उत्तर या ईशान दिशा की ओर रख रहे है तो ये बहुत अच्छा होता है।
कोटा स्टोन गर्मियों के लिए फायदेमंद है लेकिन ठंड और बारिश में यह नुकसानदायक ही सिद्ध होगा। इसी तरह टाइल्स भी सोच-समझकर ही लगाएं।
उत्तर-ईशाण के भाग का फर्श पश्चिम के फर्श से लगभग 1 फीट नीचा है तो आपके लिए नकरात्मकता ला सकता है।
अगर आपके मकान के पूर्व-ईशान में लगभग डेढ़ फीट ऊंचा शौचालय है, घर में बाहर से ऊपर जाने के लिए उत्तर दिशा में पश्चिम से सीढ़ियां बनी हुई हैं तो नुकसान दायक है। इसे फौरन बदलवा लेने में ही भलाई होगी।
फर्श का रंग भी किसी वास्तुशास्त्र से पूछकर ही तय करें। किसी भी दिशा में गलत रंग के पत्थर का फर्श न बनवाएं। उत्तर में काले, उत्तर-पूर्व में आसमानी, पूर्व में गहरे हरे, आग्नेय में बैंगनी, दक्षिण में लाल, नैऋत्य में गुलाबी, पश्चिम में सफेद और वायव्य में ग्रे रंग के फर्श होना चाहिए।