Kundli Tv- वास्तु के अनुसार बनाएं घर का किचन, दूर होंगी सभी समस्याएं

Edited By Jyoti,Updated: 25 Nov, 2018 03:45 PM

vastu tips for kitchen

वास्तु में दिशाओं आदि का बहुत महत्व बताया गया। इसलिए वास्तु और ज्योतिष विशेषज्ञ के अनुासार घर को इसमें बताई गई दिशाओं के मद्देनज़र में ही बनाना चाहिए। वैसे तो घर का हर हिस्सा इसके अनुसार महत्वपूर्ण होता है परंतु किचन को इसमें एक अलग ही महत्ता...

ये नहीं देखा तो क्या देखा(video)
वास्तु में दिशाओं आदि का बहुत महत्व बताया गया। इसलिए वास्तु और ज्योतिष विशेषज्ञ के अनुासार घर को इसमें बताई गई दिशाओं के मद्देनज़र में ही बनाना चाहिए। वैसे तो घर का हर हिस्सा इसके अनुसार महत्वपूर्ण होता है परंतु किचन को इसमें एक अलग ही महत्ता प्राप्त है। जानते हैं इससे जुड़ी कुछ खास बातें-
PunjabKesari
जिस घर में एक से अधिक किचन होते हैं, उस घर की मालकिन को समाज में बहुत ज्यादा सहयोग मिलता है। जिन घरों में भोजन बनाने के एक से अधिक साधन (जैसे गैस, स्टोव, माइक्रोवेव, अवन इत्यादि) होते हैं ऐसे घरों में आय के साधन भी एक से अधिक होते हैं।

जिस घर में मुख्य द्वार से जुड़ा किचन हो वहां प्रारंभ में पति-पत्नी के मध्य बहुत प्रेम रहता है। घर का वातावरण भी सौहार्दपूर्ण रहता है, किन्तु कुछ समय बाद अकारण आपस में मतभेद पैदा होने लगते हैं।
PunjabKesari
घर के अंदर से बाहर देखने पर मुख्य द्वार के पास दाएं हाथ पर स्थित खिड़की के पास यदि खाना बनाने का साधन स्टोव आदि रखा जाता है तो, घर का मालिक उतावला और जल्दी आवेश में आने वाला होता है। 

घर के मुख्य द्वार के ठीक सामने किचन नहीं बनाना चाहिए। जिन घरों के मुख्य द्वार के एकदम सामने किचन होते हैं, वह गृहस्वामी के भाई के लिए अशुभ होता है और गृह स्वामिनी उसे उचित सम्मान भी नहीं देती। यदि घर के मुख्य द्वार से बॉयलर या ग्रीजर नजर आए तो उसे भी किचन की तरह ही मानना चाहिए।

जिस घर का किचन ‘जिग-जैग’ आकार में बना हो, उस घर में काफी विवाद रहते हैं। यदि किसी कोरिडोर के एक कोने में किचन हो तो, वहां रहने वालों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
PunjabKesari
किचन में पूजा का स्थान बनाना भी शुभ नहीं होता। जिस घर में किचन के अंदर ही पूजा का स्थान होता है उस घर में रहने वाले गर्म दिमाग के होते हैं और परिवार से किसी सदस्य को रक्त संबंधी शिकायत भी हो सकती है।

यदि लिविंग रूम के अंदर ही किचन और बाहर की ओर कोई बड़ा दरवाजा हो तो, समझो घर की मालकिन से लगाव रखने वाला पहला व्यक्ति कठिनाई में है और मालकिन को खुशियां भी उसी व्यक्ति से ही प्राप्त होती हैं।
PunjabKesari
यदि किचन के दरवाजे के एकदम सामने बैडरूम का दरवाजा हो तो मानना चाहिए कि पिछले जन्म में पति-पत्नी का आपस में असाधारण प्यार, स्नेह और लगाव था और जो अभी भी उसी प्रकार है परंतु उनके जीवन में कठिनाइयां और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं रहेंगी।

जिस घर में किचन और बाथरूम पास-पास या एक सीध में होते हैं उस घर में रहने वालों को जीवन में बहुत संघर्ष करना पड़ता है। व्यापार साधारण होने के साथ ही उनका स्वास्थ्य भी नर्म-गर्म रहता है। घर के मुखिया का भाई गरीब होता है और उसे शादी के बाद सैटल होने में समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यदि वह इसी घर में रहता है तो घर की कन्या उदास और अशांत रहती है।
PunjabKesari
जिस घर के किचन में ही बाथरूम हो और महीने में पंद्रह-बीस दिन खाना वहीं बनता हो तो उस घर के मालिक के लिए बहुत ही अशुभ होकर अनहोनी कारक होता है। परिवार में बीमारी के साथ आर्थिक स्थिति भी खराब रहती है।

जिस घर में किचन भूमिगत पानी की टंकी या कुएं के साथ लगा हो वहां भाइयों में मतभेद रहते हैं। गृहस्वामी को धन कमाने के लिए बहुत भटकना पड़ता है।

ऐसा कमरा जहां सैंकड़ों लोगों को खाना खिलाया जाता है (जैसे लंगर घर आदि), यदि वहां पर ही खाना बनाने के बड़े-बड़े बर्तन, पानी के ड्रम इत्यादि भी रखे हों तो वहां खर्च आमदनी से ज्यादा रहता है। इसलिए बेहतर है कि खाना बनाने के साधन व वेसल्स दूसरे कमरे में रखे जाएं।

कई वर्षों के अनुभव से मैंने पाया है कि परिवार के सभी सदस्यों को कम से कम एक समय का भोजन साथ मिल कर करना चाहिए। इससे उनके आपसी संबंध मजबूत होते हैं, साथ ही मिल कर रहने की भावना भी बलवती होती है।
PunjabKesari
विशेष : वास्तुशास्त्र के सभी प्राचीन ग्रंथों में लिखा है कि घर का किचन आग्नेय कोण में होना चाहिए। जब ये ग्रंथ लिखे गए थे तब किचन में केवल भोजन बनता था। वहां केवल अग्नि प्रज्वलित होती थी, पानी का कोई विशेष काम नहीं होता था। 

वर्तमान में जो घर बन रहे हैं उनमें किचन के साथ ही स्टोर बनाए जाते हैं और पानी के मटके भी किचन के अंदर प्लेटफार्म पर रखे जाते हैं। जूठे बर्तन धोने का सिंक भी किचन में ही होता है। अत: मेरी सलाह है कि किचन मध्य पश्चिम या मध्य उत्तर दिशा में बनाना चाहिए, क्योंकि यहां अधिक मात्रा में पानी रखा जा सकता है। यहां से उत्तर दिशा के साथ-साथ पश्चिम दिशा का पाइप भी आसानी से उत्तर दिशा तक लाया जा सकता है जहां जमीन में चैम्बर बनाया जा सकता है। उत्तर दिशा में बना चैम्बर वास्तुनुकूल होता है।  
इस 1 टोटके से लौट आएंगी ज़िंदगी की सारी खुशियां (video)

Related Story

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!