Edited By Jyoti,Updated: 07 Jul, 2018 04:36 PM
वास्तुशास्त्र एक एेेसा शास्त्र जिसमें दिशा और आस-पास मौज़ूद चीज़ों से पैदा होने वाली ऊर्जा के प्रभाव के बारे में बताया गया है। इसके अनुसार ऊर्जा अगर सकारात्मक हो तो व्यक्ति की तरक्की होती है।
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वास्तुशास्त्र एक एेेसा शास्त्र जिसमें दिशा और आस-पास मौज़ूद चीज़ों से पैदा होने वाली ऊर्जा के प्रभाव के बारे में बताया गया है। इसके अनुसार ऊर्जा अगर सकारात्मक हो तो व्यक्ति की तरक्की होती है। लेकिन वहीं अगर ये ऊर्जा नकारात्मक हो तो यह उसी व्यक्ति के जीवन में परशानियां खड़ी कर देता है। इतना ही नहीं यह जीवन के हर क्षेत्र पर लागू होता है चाहे वह आपका वैवाहिक संबंध हों विवाह की चाह।
आईए जानते हैं कि इससे संबंधित कुछ उपाय-
विवाह योग्य कुंवारे लड़कों को दक्षिण और दक्षिण पश्चिम दिशा में नहीं सोना चाहिए। इससे विवाह में बाधा आती है। माना जाता है कि इससे अच्छे रिश्ते नहीं आते हैं।
शादी लायक लड़का-लड़की को काले रंग के कपड़े और दूसरी चीजों का इस्तेमाल कम करना चाहिए।
बिस्तर इस तरह रखें ताकि सोते समय पैर उत्तर और सिर दक्षिण दिशा में हो। सोने के इस नियम की अनदेखी से बचना चाहिए।
जिन कमरों में एक से अधिक दरवाज़े हों उस कमरे में विवाह योग्य लड़कों को सोना चाहिए। जिन कमरों में हवा और रोशनी का प्रवेश कम हो उन कमरों में नहीं सोना चाहिए।
आपके कमरों का रंग डार्क यानि गहरा नहीं होना चाहिए। दीवारों का रंग चमकीला, पीला, गुलाबी होना शुभ होता है।
ऐसी जगह पर नहीं सोएं जहां बीम लटका हुआ दिखाई दे।
कोई और भी आपके साथ कमरे में रहता है तो अपना बिछावन दरवाजे के नजदीक रखें।
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