Edited By Jyoti,Updated: 26 May, 2020 11:48 AM
कोरोना महामारी से बचाव के चलते देशभर में लॉकडाउन की स्थिति निरंतर बनी हुई है हालांकि अब इसमें डील दी जानी शुरू हो चुकी है।
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
कोरोना महामारी से बचाव के चलते देशभर में लॉकडाउन की स्थिति निरंतर बनी हुई है हालांकि अब इसमें डील दी जानी शुरू हो चुकी है। इसके चलते जहां एक तरफ़ लोग वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं तो दूसरो ओर ऑनलाइन बच्चों की पढ़ाई भी जारी है। मगर बहुत से मां-बाप को ये शिकायत करते हुए देखा जा रहा है कि उनके बच्चों का पढ़ाई में ध्यान नहीं लग रहा। जिसकी वजह से उन्हें अपने बच्चों की चिंता लगभग हर मां बाप तो सता रही है। तो अगर आपको भी ये चिंता सता रही है तो बता दें आपकी इस चिंता तो खत्म करने के सबसे आसान उपाय हमारे पास है। जी हां, हम लाएं हैं आपके लिए वास्तु शास्त्र में बताए गए कुछ स्पेशल टिप्स, जो खासतौर पर लॉकडाउन की इस पीरियड मं आपके बहुत काम आ सकते हैं। तो चलिए देर न करते हुए आपको बताते हैं इन खास वास्तु टिप्स के बारे में जो ऑनलाइन चल रही स्टडी में आपके और आपके बच्चे के लिए बहुत हेल्पफुल साबित हो सकते हैं।
अक्सर देखा जाता है कुछ बच्चे अपनी ओर कोशिश तो खूब करते हैं मगर फिर भी उनका मन पढ़ाई में नहीं लगता। वास्तु शास्त्र की मानें तो ऐसे में सबसे पहले माता पिता को बच्चों के स्टडी रूम की डायरेक्शन की ओर ध्यान देना चाहिए। वो इसलिए क्योंकि वास्तु शास्त्र के अनुसार स्टडी रूम हमेशा उत्तर-पूर्व में होना चाहिए। तो वहीं इस बात का भी खास ख्याल रखना बहुत आवश्यक होता है कि बच्चों की किताबें फैली न हो बल्कि वे सलीके से एक जगह पर रखी हों। बता दें साथ ही इस बात की ओर भी अधिक ध्यान देने की आवश्यकता होती है कि कि पढ़ते समय बच्चों का मुंह हमेशा पूर्व दिशा की ही ओर हो। कहा जाता है चूंकि सूर्यदेव पूर्व से ही निकलते हैं इसलिए यह प्रकाश यानि कि ऊर्जा की दिशा होती है।
वास्तु विशेषज्ञ बताते हैं कि हमेशा बच्चों के कमरे में ऐसे फोटोज लगानी चाहिए जो उन्हें प्रोत्साहित करें। इसके लिए वास्तु शास्त्र में पूर्व दिशा की तरफ़ सूर्य देव और मां सरस्वती की तस्वीरे लगाना शुभ दायक बताया है, इसके अलावा वेदमाता की तस्वीर लगानी भी शुभ होती है तो वहीं उत्तर की तरफ़ ब्रह्मदेव का चित्र लगाया जा सकता है।
एक ही कमरे में दो बच्चों का स्टडी रूम होना लाज़मी है, वास्तु शास्त्र की मानें तो ऐसी परिस्थिति में उस कमरे में ग्रुप स्टडीज करते हुए बच्चों का चित्र लगाना काफी लाभदायक होता है। माना जाता है कि इससे बच्चों का मन पढ़ाई में अच्छे से लगता है यानि उनका ध्यान इधर-उधर नहीं भटकता। साथ ही साथ उनक समझ का अच्छे से विकास होता है।
इन सबके अलावा वास्तु शास्त्र के साथ-साथ तमाम हिंदू धर्म के शास्त्रों में इस बात पर अधिक ज़ोर दिया गया है कि नियमित रूप से बच्चों को प्रातः उठकर अपने माता-पिता के चरण स्पर्श करने चाहिए।
तो वहीं पढ़ाई करने से पहले बच्चों को दूध में शहद डालकर पिलाएं,वास्तु की दृष्टि से इसे शुभ माना जाता है।