Edited By Jyoti,Updated: 14 Nov, 2019 12:22 PM
घर, न केवल ईटों-पत्थों से बनता है बल्कि वहां रहने वालों से बनता है। कहने का अर्थात घर परिवार के सदस्यों से बनता है।
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
घर, न केवल ईटों-पत्थों से बनता है बल्कि वहां रहने वालों से बनता है। कहने का अर्थात घर परिवार के सदस्यों से बनता है। परंतु अगर इन घर वालों में आपस में हर समय किसी न किसी बात को लेकर मतभेद होता रहे तो वो उनका घर घर न होकर धर्मशाला हो जाता है। जहां लोग रहते तो हैं मगर एक-दूसरे से बात करके राज़ी नहीं होते। कुछ लोगों के गृहक्लेश इतने बढ़ जाते हैं कि घर का खुशनुमान माहौल गायब ही हो जाता है। अब ऐसे में सवाल ये आता है कि आख़िर इसे ठीक कैसे किया जाए।
तो आपको बता दें इसका कारण वास्तु से जुड़ा हो सकता है। जी हां, कई बार घर में वास्तु दोष के चलते घर-परिवार के लोगों में तनाव पैदा हो जाता है। तो अगर आपके घर में ऐसे हो रहा है तो जान लें इसका कारण वास्तु दोष हो सकता है। मगर हम सिर्फ यहीं जानकारी नहीं लाए बल्कि साथ ही बताने वाले हैं इससे छुटकारे के सटीक उपाय। जिससे न केवल आपके घर के सदस्यों की चेहरे की हंसी तो वापस आएगी साथ ही उनकी आपसी रिश्ते मधुर होंगे।
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में ऐसे माहौल हो तो घर में कोई ऐसा चित्र लगाएं जिसमें हंसता-मुस्कुराता संयुक्त परिवार हो। इसे आप घर के अतिथि कक्ष यानि गेस्ट रूम में लगा सकते हैं, जहां पर आते-जाते सभी की नज़र पड़े। आप खुद देखेंगे कि कुछ दिनों में आपके घर-परिवार में खुशियां आने लगेंगी। साथ ही आपसी मतभेद भी दूर होंगे।
बता दें अगर आप किसी दूसरे का चित्र न लगाना चाहें तो खुद के ही परिवार के सदस्यों का चित्र प्रसन्नचित्त मुद्रा में दक्षिण-पश्चिम दिशा के कोने में एक तस्वीर लगाएं। ध्यान रखें कि इसमें परिवार के सभी सदस्य हों और उनके चेहरे प्रसन्नचित्त मुद्रा में ही हों।