Edited By Jyoti,Updated: 29 Apr, 2018 11:17 AM
जालंधर: सौंदर्य व प्रेम का कारक ग्रह शुक्र पुन: 14 मई से 8 जून तक बुध की राशि मिथुन में प्रवेश करने जा रहा है। शुक्र की मूल त्रिकोण राशि तुला है तथा वह वृष व तुला का प्रतिनिधित्व करता है
जालंधर: सौंदर्य व प्रेम का कारक ग्रह शुक्र पुन: 14 मई से 8 जून तक बुध की राशि मिथुन में प्रवेश करने जा रहा है। शुक्र की मूल त्रिकोण राशि तुला है तथा वह वृष व तुला का प्रतिनिधित्व करता है। भारत की कुंडली में शुक्र लग्र का स्वामी है। ज्योतिष विशेषज्ञ संजय चौधरी के अनुसार यह देखा गया है कि जब भी शुक्र मिथुन राशि में आता है तो भारत को अप्रत्याशित समस्याओं का सामना करना पड़ता है। भारत की कुंडली के अष्टक वर्ग की दृष्टि से मिथुन राशि में केवल 19 ङ्क्षबदू आते हैं जोकि सबसे कम हैं।
उन्होंने कहा कि 2017 में शुक्र 26 जुलाई से 21 अगस्त तक मिथुन राशि में रहा था। उस समय अमरनाथ यात्रा पर आतंकियों का हमला हुआ था। गुजरात में बाढ़ के कारण भारी नुक्सान हुआ था तथा पश्चिम बंगाल में भी हत्याओं का दौर शुरू हुआ था। हिमाचल प्रदेश के मंडी क्षेत्र में भूस्खलन से 46 लोगों की मौतें हुई थी। इसी तरह से मुजफ्फरनगर के निकट भीषण रेल दुर्घटना हुई थी। इस बार शुक्र जल्दी मिथुन राशि में प्रवेश करने जा रहा है तथा वह 8 जून तक इस राशि में बना रहेगा।
संजय चौधरी के अनुसार शुक्र इस बार भी मिथुन राशि में आकर अपना रौद्र रूप दिखा सकता है। उन्होंने कहा कि भारत को इस समय चंद्रमा महादशा में राहू की अंतर्दशा तथा चंद्रमा की प्रत्यंत्र दशा चल रही है इसलिए जब शुक्र मिथुन राशि में आएगा तो सीमाओं पर युद्ध जैसे हालात फिर से बनते हुए दिखाई देंगे।
पाकिस्तान द्वारा अकारण फायरिंग की जाएगी। चीन के साथ भी सीमा पर पुन: तनाव पैदा हो सकता है। संक्रांति वाले दिन मंगल-केतू की भारत की कुंडली में 10वें घर में स्थिति से न्यायपालिका तथा शासक दल के मध्य नया विवाद पनपेगा। केंद्र में सत्ताधारी पार्टी के मध्य आपसी लड़ाई तेज होगी तथा कुछ नेताओं को निष्कासित भी किया जा सकता है।