Venus Transit: धनु राशि में शुक्र का गोचर, इन राशियों का शुरू होगा गोल्डन टाइम

Edited By Prachi Sharma,Updated: 05 Nov, 2024 08:33 AM

शुक्र कलयुग में देने वाले ग्रह हैं। शुक्र की महादशा सबसे लंबी होती है। 20 साल तक शुक्र की महादशा चलती है, शुक्र लग्जरी के कारक है। शुक्र एंटरटेनमेंट के कारक है

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Venus Transit: शुक्र कलयुग में देने वाले ग्रह हैं। शुक्र की महादशा सबसे लंबी होती है। 20 साल तक शुक्र की महादशा चलती है, शुक्र लग्जरी के कारक है। शुक्र एंटरटेनमेंट के कारक है, शुक्र तमाम तरह की सुख-सुविधाओं के कारक है। जब यह कुंडली में शुभ हो जाते हैं गोचर में हो या महादशा में हो तो आपको उसका बहुत अच्छा रिजल्ट मिलता है। खास तौर पर पैसे के लिहाज से तो शुक्र 6 नवंबर को राशि बदल रहे हैं। धनु राशि में चले जाएंगे यह गुरु की राशि है 2 दिसंबर तक यहीं पर रहेंगे। शुक्र के इस गोचर के दौरान नौ राशियों के ऊपर इसका पॉजिटिव असर पड़ेगा।

मेष राशि: मेष राशि के लिए यहां पर गुरु शुक्र का गोचर नौवें स्थान से हो रहा है यानी कि धन भाव का स्वामी आपके लिए भाग्य स्थान में और कुंडली के सबसे शुभ भाव में गोचर करेगा। तो निश्चित तौर पर यहां पर शुक्र का गोचर आपके लिए धन में वृद्धि तो करेगा ही करेगा। आपके पराक्रम में भी वृद्धि करेगा। क्योंकि शुक्र आपके लिए धन भाव के स्वामी के साथ-साथ पार्टनरशिप हाउस का भी है। आपको अपने पार्टनर से भी धन लाभ हो सकता है चूंकि यह पार्टनरशिप हाउस का स्वामी होकर भाग्य स्थान में चला गया तो निश्चित तौर पर पार्टनर से भी लाभ हो सकता है। छोटे भाई के साथ आपका तालमेल बढ़ सकता है और आपको धन में वृद्धि होती हुई नजर आएगी। शुक्र आपके लिए धन स्थान के स्वामी बनते हैं।

वृषभ राशि: वृषभ राशि के जातकों के लिए शुक्र का गोचर यहां पर अष्टम भाव से हो रहा है। अष्टम भाव में बैठकर शुक्र धन स्थान को एक्टिव कर रहे हैं। धन स्थान के ऊपर सीधी दृष्टि यहां पर शुक्र की जाती हुई नजर आ रही है। शुक्र वृषभ राशि के स्वामी भी हैं और शुक्र की जो दूसरी राशि तुला आपके लिए छठे स्थान में आ जाती है। छठे भाव के स्वामी का अष्टम भाव में जाना वैसे भी विपरीत राजयोग बना देता है और यहां पर बैठकर शुक्र दूसरे भाव को एक्टिव करेंगे। कुटुंब में आपका प्रभाव बढ़ेगा, पैसे की वृद्धि होगी और आपका स्वास्थ्य निश्चित तौर पर अच्छा रहेगा। शुक्र अष्टम भाव में भी शुभ गोचर में होते हैं।

सिंह राशि: सिंह राशि के जातकों के लिए शुक्र का गोचर पंचम भाव से होगा। पंचम भाव इजी गेंस का भाव होता है यह बुद्धि-विवेक का भाव होता है। यहां पर जब शुक्र बैठेंगे तो सीधा एक्टिव करेंगे आपके 11वें भाव को। 11वां भाव आय का भाव होता है, यह इच्छाओं का भाव होता है। शुक्र इच्छाओं के कारक ग्रह है यानी कि जब पांचवें भाव से शुक्र गोचर करेंगे तो उन लोगों के लिए बड़ा बहुत अच्छा समय है। यानी कि रोमांस के लिहाज से ये समय अच्छा है क्योंकि पांचवां भाव निश्छल प्रेम का भाव होता है और पांचवें भाव शुक्र प्रेम के कारक ग्रह है। निश्चित तौर पर जो कपल है जिनकी आपस में कुछ अंडरस्टैंडिंग है उनको इस अवधि में अच्छा समय बिताने का मौका भी मिलेगा और आय भी बढ़ेगी समाज में आपका प्रभाव भी बढ़ेगा।

कन्या राशि: कन्या राशि के जातकों के लिए शुक्र फोर्थ हाउस में गोचर करेंगे। चौथे भाव का शुक्र का गोचर अच्छा होता है और चौथे भाव आपका सुख स्थान होता है। मदर की हेल्थ, प्रॉपर्टी खरीदते हैं यहीं से आप एसेट्स खरीदते हैं और शुक्र इन तमाम संसाधनों के कारक हैं। यानी कि आपकी यदि कोई प्रॉपर्टी खरीदने की योजना है तो निश्चित तौर पर वो फलीभूत होती हुई नजर आएगी। शुक्र चौथे भाव में बैठकर दशम को दृष्टि देंगे। ये आपके कारोबार, नौकरी का भाव है।  कारोबार में वृद्धि होगी और नौकरी जहां पर आप जॉब करते हैं वहां पर आपका प्रभाव बढ़ता हुआ नजर आएगा। कन्या राशि के जातकों के लिए शुक्र भाग्य स्थान के भी स्वामी हो जाते हैं और धन स्थान के भी स्वामी हो जाते हैं। लिहाजा इन दोनों भावों के स्वामी का शुभ गोचर में जाना आय के लिहाज से भी अच्छा है।

तुला राशि: तुला राशि शुक्र की अपनी राशि है। यहां पर यह गोचर तीसरे भाव में होगा। तीसरे भाव में बैठे शुक्र आपकी कुंडली में भाग्य स्थान को एक्टिव कर देंगे। सीधी दृष्टि आपके भाग्य स्थान पर जाएगी राशि के स्वामी का तीसरे भाव जो पराक्रम का भाव होता है वहां पर जाना आपके पराक्रम में वृद्धि करेगा।  जो काम आप करना चाहेंगे निश्चित तौर पर वहां पर आपको सफलता मिलती हुई नजर आएगी। शुक्र की वृषभ राशि आपकी कुंडली में अष्टम भाव में चली जाती है। लिहाजा आपको अचानक से धन लाभ भी होने के योग बनते हैं क्योंकि शुक्र अच्छे गोचर में चले गए हैं। इसका आपको निश्चित तौर पर जरूर फायदा होगा।

वृश्चिक राशि: वृश्चिक राशि के जातकों के लिए शुक्र का गोचर दूसरे भाव में होगा। धन के भाव में शुक्र का गोचर निश्चित तौर पर धन में वृद्धि करने का काम करेगा। अष्टम भाव को शुक्र देखेंगे तो ससुराल पक्ष से फायदा हुआ होता हुआ नजर आ सकता है। अचानक से धन लाभ होता हुआ आपको नजर आ सकता है।  शुक्र आपके लिए सप्तम भाव के स्वामी हैं। पत्नी से आपका तालमेल बेटर हो जाएगा क्योंकि कुटुंब भाव में ही रहेंगे। लिहाजा कुटुंब में आपका प्रभाव बढ़ता हुआ नजर आएगा। वृश्चिक राशि के जातकों के लिए शुक्र के गोचर का अच्छा फल रहेगा।

मकर राशि: मकर राशि के जातकों के लिए शुक्र का गोचर 12वें भाव में होगा। 12वां भाव हालांकि हानि का भाव होता है लेकिन शुक्र इकलौते ग्रह हैं जिसको 12वें जाने का दोष नहीं लगता। 12वें भाव में जब शुक्र बैठेंगे तो छठे को एक्टिव करेंगे। छठा रोग, ऋण, शत्रु का भाव होता है। यहां पर शुक्र आपको विदेश यात्रा भी करवा सकते हैं। इसके अलावा यदि आपके ऊपर कोई कर्ज की स्थिति है वहां पर आपको राहत मिलती हुई नजर आएगी। कोई कोर्ट का केस है वहां पर राहत मिलती हुई नजर आ सकती है। निश्चित तौर पर कारोबार के भाव के स्वामी का शुभ गोचर में जाना कारोबार में वृद्धि करने वाला भी होगा। कर्ज में भी थोड़ी सी राहत मिलने के आसार है।

कुंभ राशि: कुंभ राशि के जातकों के लिए शुक्र योगा कारक होते हैं। शुक्र की वृषभ राशि है वो चौथे भाव में आ जाती है। तुला राशि आपके भाग्य स्थान में आ जाती है। कुंभ राशि के जातकों के लिए शुक्र का 11वें भाव में गोचर करना यानी कि आय के भाव में गोचर करना निश्चित तौर पर आय के लिहाज से अच्छा है। समाज प्रतिष्ठा के लिहाज से अच्छा है। कुंभ राशि के जो जातक रिलेशनशिप में है उनके लिए यह समय काफी अच्छा रहेगा। शुक्र यहां से पंचम को एक्टिव करेंगे। जिनके घर में संतान होने वाली है उनके लिए भी समय अच्छा है क्योंकि पांचवें भाव को सुत भाव भी कहा जाता है।  

नरेश कुमार
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