Edited By Lata,Updated: 11 Sep, 2019 03:21 PM
हर कोई अपनी सहुलियत के हिसाब से कोई न कोई काम शुरू तो कर लेता है, लेकिन किसी कारण से उसे बीच में छोड़ देता है।
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हर कोई अपनी सहुलियत के हिसाब से कोई न कोई काम शुरू तो कर लेता है, लेकिन किसी कारण से उसे बीच में छोड़ देता है। जबकि ऐसा कभी नहीं करना चाहिए। ऐसे ही महाभारत के उद्योग पर्व में बताया गया है कि कैसे कोई व्यक्ति अपने काम में महारत हासिल कर सकता है। इसमें महात्मा विदुर ने कई नीतियों के बारे में बताया है कि कैसे आप अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।
श्लोक
निश्चित्य यः प्रक्रमते नान्तर्वसति कर्मणः।
अबन्ध्यकालों वश्यात्मा स वै पण्डित उच्यते।
सबसे पहले कोई भी काम को शुरू करने से पहले उसके लिए मन बनाना बहुत जरूरी होता है। बिना मन के किया गया काम हमेशा अधूरा रहता है। ऐसे में किसी काम में कामयाबी हासिल करने के लिए उसकी तैयारी पहले से ही शुरू कर लेनी चाहिए, तभी सफलता मिलती है।
कई लोग जोश और उत्साह में आकर काम शुरू कर लेते हैं, लेकिन कुछ समय बाद उनकी दिलचस्पी उस काम से कम होने लगती है और वे काम को बीच में ही छोड़ देते हैं। किसी भी काम की सफलता में यह सबसे बड़ी रुकावट होती है। इसलिए चाहे कारण कोई भी हो, काम को पूरा किए बिना उसे छोड़ना नहीं चाहिए।
किसी भी मनुष्य को सफल बनाने में समय का सबसे बड़ा योगदान होता है। जो समय की कीमत समझता है, वह किसी भी काम को बड़ी आसानी से कर जाता है। समय को व्यर्थ करने वाला मनुष्य कभी भी जीवन में ऊंचाई या सफलता नहीं पा सकता।
मन बहुत ही चंचल होता है। वो एक जगह या एक काम पर टिक नहीं पाता। जो मनुष्य अपने मन और अपनी इच्छाओं को वश में नहीं रख पाता, वह किसी भी काम में सफल नहीं हो सकता।