Edited By Lata,Updated: 26 Feb, 2020 10:57 AM
हिंदू पंचांग के अनुसार 27 फरवरी यानि कल विनायक चतुर्थी का त्योहार मनाया जाएगा। कहते हैं कि इस
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हिंदू पंचांग के अनुसार 27 फरवरी यानि कल विनायक चतुर्थी का त्योहार मनाया जाएगा। कहते हैं कि इस दिन बहुत से लोग भगवान को खुश करने के लिए व्रत रखते हैं। फाल्गुन में आने वाले इस व्रत का काफी महत्व माना गया है। इस दिन भगवान गणेश की विधि विधान पूजा की जाती है। मान्यता है कि व्रत रखने से इंसान के सारे आर्थिक संकट दूर हो जाते हैं। विघ्न हर्ता गणेश उनके सारे दुख हर लेता है। बता दें कि इस चतुर्थी को वरद चतुर्थी के नाम से जाना जाता है।
इसके साथ ही बता दें कि हर माह में 2 चतुर्थी आती है, कृष्ण व शुक्ल पक्ष की और इन दोनों की अपनी महत्वता होती है। चतुर्थी व्रत में दिनभर फलाहार करते हुए शाम के समय भगवान गणेश की अराधना की जाती है। गणेश जी का एक नाम विनायक भी है। इसलिए इसे विनायकी चतुर्थी कहा जाता है। इस मौके पर श्री गणेश की पूजा दिन में दो बार की जाती है, एक दोपहर के समय दूसरी मध्याह्न के समय होती है।
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पूजा विधि
इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर रोजाना के कार्यों को खत्म करके लाल रंग के वस्त्र धारण कर लें।
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अपने सामर्थ्य के अनुसार सोने, चांदी, तांबा, पीतल या फिर मिट्टी से बनी प्रतिमा को पूजा स्थल पर स्थापित करें, फिर व्रत करने का संकल्प लें।
गणेश जी की पूजा अक्षत, रोली, पुष्प, गंध, धूप आदि का प्रयोग करते हुए करें। भगवान गणेश को 21 दुर्वा अर्पित करें और लड्डुओं का भोग लगाएं।
गणेश जी के समक्ष घी या कपूर का दीपक जलाएं और उनकी आरती उतारें, फिर गणेश जी को भोग लगाकर प्रसाद सभी में वितरित कर दें।
पूरे दिन नियम और संयम से रहकर व्रत रखें। इस व्रत में फलाहार किया जा सकता है। शाम को सूर्यास्त के पहले फिर से नहाएं और भगवान गणेश की पूजा करें।
इस व्रत में रात को चंद्रमा के दर्शन करके उसे अर्घ्य दिया जाता है। इस तरह से पूजा संपन्न करके परिवार के साथ फलाहार करें यदि संभव न हो तो भोजन भी कर सकते हैं।