श्री विवाह पंचमी कल: विवाह के लिए है अबूझ मुहूर्त, फिर भी नहीं होंगे विवाह

Edited By ,Updated: 03 Dec, 2016 01:26 PM

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कल 4 दिसंबर को श्री विवाह पंचमी का शुभ दिन है। त्रेतायुग में इस रोज श्री सीताराम का विवाह हुआ था। भृगु संहिता में वर्णित है कि आज का दिन विवाह के लिए अबूझ मुहूर्त दर्शाता है। फिर भी

कल 4 दिसंबर को श्री विवाह पंचमी का शुभ दिन है। त्रेतायुग में इस रोज श्री सीताराम का विवाह हुआ था। भृगु संहिता में वर्णित है कि आज का दिन विवाह के लिए अबूझ मुहूर्त दर्शाता है। फिर भी मिथिला के लोग आज के अमोघ दिन पर अपनी बेटियों का विवाह नहीं करते। उनकी मान्यता है की आज के दिन विवाह होने पर देवी सीता और भगवान राम का संपूर्ण वैवाहिक जीवन दुखों और कष्टों से भरा रहा था।

 
श्री सीताराम के विवाह उपरांत जब श्रीराम के राजा बनने की संपूर्ण तैयारीयां पूर्ण हो चुकी थी तो श्री राम को देवी सीता एवं छोटे भाई के संग वन में जाना पड़ा था। अनेकों कष्ट झेलने के उपरांत जब वह वन से लौटकर अयोध्या आए तो बहुत धूमधाम के साथ उनका राज्यभिषेक किया गया। परिस्थितियों ने करवट ली प्रभु श्री राम को राजधर्म निभाने के लिए न चाहते हुए भी अपनी पत्नी सीता को वन भेजना पड़ा।

 
अग्नि परीक्षा देने के बावजूद भी उन को अपने पति और परिवार से विमुख होना पड़ा। राजा की बेटी और पत्नि होने के बावजूद भी उन्हें संपूर्ण जीवन वन में व्यतित करना पड़ा और वहीं पर उन्होंने अपने दो पुत्रों को जन्म दिया। जब उनके दो पुत्रों ने अपनी माता को न्याय दिलवाना चाहा तो देवी सीता उन्हें श्री राम को सौंप कर धरती की गोद में समा गई।

 

इस तरह देवी सीता का संपूर्ण जीवन संघर्षों से भरा रहा और उन्हें अपने पति श्री राम से बहुत समय तक अलग रहना पड़ा। भगवान राम को भी अपनी मर्यादा बनाए रखने के लिए देवी सीता से अलग होना पड़ा इसलिए आज के दिन शादी का अबूझ मुहूर्त होने पर भी लोग अपनी बेटियों की शादी नहीं करते।

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