Edited By Niyati Bhandari,Updated: 15 Nov, 2024 09:06 AM
Vrischika Sankranti 2024: हिंदू धर्म में संक्रांति तिथि का विशेष महत्व है। ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को आत्मा का कारक माना गया है। सूर्य देव एक राशि में 30 दिन तक रहते हैं।
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Vrischika Sankranti 2024: हिंदू धर्म में संक्रांति तिथि का विशेष महत्व है। ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को आत्मा का कारक माना गया है। सूर्य देव एक राशि में 30 दिन तक रहते हैं। ग्रहों के राजा सूर्य एक राशि से जब दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं, तो उस दिन को संक्रांति कहते हैं। वहीं जब सूर्य तुला राशि से निकलकर वृश्चिक राशि में गोचर करते हैं, तो इसे वृश्चिक संक्रांति कहा जाता है। इस बार वृश्चिक संक्रांति 16 नवंबर 2024 शनिवार को है। इस दिन दान-पुण्य करने का विशेष महत्व है। माना जाता है कि इस दिन सूर्य देव की सच्चे मन से पूजा करने से विशेष लाभ मिलता है और मन की हर मनोकामना पूर्ण होती है। तो आइए जानते हैं वृश्चिक संक्रांति के शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में-
Vrischika Sankranti Shubh Muhurat वृश्चिक संक्रांति शुभ मुहूर्त
सूर्य देव मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि यानी 16 नवंबर को सुबह 07 बजकर 41 मिनट पर वृश्चिक राशि में गोचर करेंगे। इस दिन पुण्य काल सुबह 06 बजकर 45 मिनट से लेकर सुबह 07 बजकर 41 मिनट तक है। वहीं, महा पुण्य काल सुबह 06 बजकर 45 मिनट से लेकर सुबह 07 बजकर 41 मिनट तक है।
Vrishchik Sankranti Puja Vidhi वृश्चिक संक्रांति पूजा विधि
वृश्चिक संक्रांति के दिन सूर्योदय से पहले स्नान आदि कर साफ वस्त्र धारण करें।
इसके बाद तांबे के लोटे में काला तिल, चंदन, रोली, हल्दी और सिंदूर डालकर सूर्यदेव को अर्घ्य दें।
फिर धूप-दीप जलाकर भगवान सूर्य की आरती करें और सूर्यदेव के मंत्रों का जप करें।
इसके बाद सूर्य देव को लाल फूल अर्पित करें।
इस दिन घी और लाल चंदन का लेप लगाकर भगवान सूर्य नारायण के सामने दीपक जलाएं।
अंत में गुड़ से बने हलवा का भोग सूर्य देव को लगाएं।