Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Aug, 2017 09:38 AM
रविवार के दिन सूर्य पूजा का विधान है। सूर्य को प्रतिदिन जल अर्पित करने से जहां स्वास्थ्य
रविवार के दिन सूर्य पूजा का विधान है। सूर्य को प्रतिदिन जल अर्पित करने से जहां स्वास्थ्य को लाभ होता है, वहीं व्यक्ति को घर-परिवार अौर समाज में मान-सम्मान मिलता है। इसके साथ ही व्यक्ति को जीवन की हर परेशानी से मुक्ति मिलती है। अधिकतर लोग सूर्यदेव को जल अर्पित करते हैं, लेकिन कई बार उन्हें इसका पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता। यदि सूर्य को जल अर्पित करते समय कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो शीघ्र ही शुभ फल की प्राप्ति हो सकती है।
सुबह शीघ्र उठकर स्नानादि कार्यों से निवृत्त होकर सूर्यदेव को जल अर्पित करें। जल अर्पित करते समय ऊँ सूर्याय नम: मंत्र का जाप करें। जिस दिन सूर्यदेव न दिखाई दें तो पूर्व दिशा की अोर मुख करके जल अर्पित करें।
जल अर्पित करते समय सूर्य को सीधे न देखें बल्कि लोटे से जो जल नीचे गिर रहा हो उसकी धारा से ही सूर्यदेव के दर्शन करने चाहिए। इससे नवग्रह के दोष दूर होते हैं अौर नेत्रों की ज्योति बढ़ती है।
जल अर्पित करने के लिए चांदी, शीशे या स्टील के लोटे का उपयोग न करें। सूर्यदेव को तांबे के लोटे से जल अर्पित करना चाहिए।
सूर्यदेव को जल अर्पित करने से पूर्व लोटे में लाल फूल अौर चावल डालें। ऐसा करना अधिक शुभ होता है।
सदैव पूर्व दिशा की अोर मुख करके ही सूर्यदेव को जल अर्पित करना चाहिए।
सूर्य को जल देते समय 7 बार जल दें। इसके साथ सूर्य के मंत्र का जप करें तो यह विशेष लाभप्रद रहता है। संभव हो तो इस दौरान लाल वस्त्र धारण करें।