Edited By Punjab Kesari,Updated: 01 Jul, 2017 12:09 PM
भविष्य पुराण में आने वाले समय में होने वाली घटनाओं का वर्णन किया गया है, इसके अतिरिक्त इसमें धर्म, व्रत, तीर्थ, दान, ज्योतिष, आयुर्वेद के विषयों का
भविष्य पुराण में आने वाले समय में होने वाली घटनाओं का वर्णन किया गया है, इसके अतिरिक्त इसमें धर्म, व्रत, तीर्थ, दान, ज्योतिष, आयुर्वेद के विषयों का अद्भुत संग्रह भी है। जिसे अपने रोजमर्रा के जीवन में अपनाकर सुखद जीवन यापन किया जा सकता है। संसार का हर सुख विद्या के अभाव में अधूरा है और विद्या की देवी हैं देवी सरस्वती। भविष्य पुराण में उन्हें प्रसन्न करने के लिए विशेष उपाय बताए गए हैं। जिससे कमजोर विद्यार्थी अपने जीवन में अपनाकर पढ़ाई में मनचाही सफलता अर्जित कर सकते हैं।
दिन के किसी भी वक्त ये पंक्तियां बोली जा सकती हैं
विद्या दे मां सरस्वती, सब सुखों की मूल,
दुष्टों से रक्षा करती हाथ में लिए त्रिशुल।
इसके अतिरिक्त इनकी कृपा पाने के लिए करें इन नामों का उच्चारण
मंत्र-
लक्ष्मीर्मेया वरा रिष्टिगौंरी तुष्टिः प्रभा मतिः।
एताभिः पाहि तनुभिरष्टाभिर्मां सरस्वतिः।।
अर्थात- विद्या की देवी मां सरस्वती आप अपने आठों रूपों लक्ष्मी, मेधा, वरा, रिष्टि, गौरी, तुष्टि, प्रभा और मति से हमारी रक्षा करें। हम में बसी हर बुराई को दूर करके
कुशाग्र बुद्धि और उन्नति दें।
देवी सरस्वती को सदा प्रसन्न रखना चाहते हैं तो अपने गुरू की शरणागती पूर्ण रूप से प्राप्त करें। उनके प्रति हमेशा आदर और श्रद्धा का भाव रखें। अर्जुन, एकलव्य और द्रोणाचार्य जैसे गुरु-शिष्य के कई उदाहरण हमारे सामने हैं। वास्तव में आदमी हमेशा छात्र बना रहता है, भले ही वह नौकरी या बिजनैस कुछ भी करे, अपने सहयोगियों में उसे हमेशा अपने सहपाठी एवं गुरु नजर आते हैं। खेल के क्षेत्र में कोच ही गुरु की भूमिका निभाते हैं। बिजनैस में आपके क्लाइंट भी गुरु बन आपको कुछ नया सिखा आगे बढऩे को प्रेरित करते हैं।