Edited By Jyoti,Updated: 22 Sep, 2019 11:08 AM
आज दिनांक 22 सितंबर दिन रविवार भाद्रपद आश्विन महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथी है। आज से संतान की दीर्घायु की कामना के लिए किया जाने वाले जितिया व्रत का प्रारंभ हो रहा है।
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आज दिनांक 22 सितंबर दिन रविवार भाद्रपद आश्विन महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथी है। आज से संतान की दीर्घायु की कामना के लिए किया जाने वाले जितिया व्रत का प्रारंभ हो रहा है। बता दें देश की कुछ जगहों पर ये व्रत बीते दिन यानि 21 सितंबर से आरंभ हो गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार संतान प्राप्ति उसके लंबी आयु के लिए किया जाने वाला ये व्रत कुल 3 दिन तक चलता है। मगर इस बार पंचांग के अनुसार ये केवल दो दिन ही मनाया जा रहा है। इसके अलावा इस सप्ताह में और भी कई त्यौहार पढ़ रहे हैं।
22 सितंबर तिथि अष्टमी का श्राद्ध, जीवित्पुत्रिका व्रत
23 सितंबर नवमी तिथि का श्राद्ध, मातृ नवमी, सौभाग्यवतीनां श्राद्ध
24 सितंबर तिथि दशमी का श्राद्ध
25 सितंबर इंदिरा एकादशी व्रत, तिथि एकादशी का श्राद्ध, फिर तिथि द्वादशी का श्राद्ध
26 सितंबर प्रदोष व्रत, मघा त्रयोदशी, तिथि त्रयोदशी का श्राद्ध (पूर्व दोपहर 11.03 के उपरांत)
27 सितंबर मासिक शिवरात्रि व्रत
28 सितंबर आश्विन अमावस, शनैश्चर अमावस, अमावस तथा अज्ञात मृत्यु तिथि वालों का श्राद्ध, सर्व पितृ श्राद्ध, पितृ विसर्जन
इस पूरे सप्ताह श्राद्ध आदि के अलावा कुछ खास उपाय भी किए जा सकते हैं। आगे जानिए पितृ पक्ष से जुड़े कुछ खास उपाय। साथ ही अपना सप्ताहिक राशिफल जानने के लिए क्ल्कि करें यहां।
घर या व्यापार स्थल पर पितरों की हंसती-मुस्कुराती हुई तस्वीर लगानी चाहिए। लेकिन ध्यान रखें कि तस्वीर दक्षिण-पश्चिम की दीवार या कोने में ही लगाएं। इससे पितरों का आर्शीवाद मिलता है।
पिता या माता की मृत्यु के बाद जो भी जीवित हों उनका अनादर नहीं करना चाहिए। इनके अनादर से मृत्यु व्यक्ति की आत्मा अशांत रहती है।
पितरों के नाम पर प्याऊ बनवाएं। कहते हैं कि इससे उन्हें काफी प्रसन्नता मिलती है। इसके अलावा उनके नाम पर शमशान में बैठने की व्यवस्था करवाएं। अन्यथा चबूतरा बनवा दें या फिर चबूतरा बना हो तो उसके ऊपर शेड डलवा सकते हैं।