जानें क्या है प्रदोष व्रत की महिमा ?

Edited By Lata,Updated: 03 Jan, 2019 05:13 PM

what is pradosh vrat

गुरुवार 2019 साल के पहले गुरुवार यानि 03 जनवरी को पहला प्रदोष व्रत मनाया जा रहा है। ज्योतिष के मुताबिक भगवान शिव को समर्पित प्रदोष व्रत करने से भक्तों की हर इच्छा पूरी होती है। मान्यता है

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गुरुवार 2019 साल के पहले गुरुवार यानि 03 जनवरी को पहला प्रदोष व्रत मनाया जा रहा है। ज्योतिष के मुताबिक भगवान शिव को समर्पित प्रदोष व्रत करने से भक्तों की हर इच्छा पूरी होती है। मान्यता है कि इस दिन सारी दिव्य शक्तियां शिवलिंग में समा जाती हैं। इसलिए जो भी इस दिन पूरी श्रद्धा से शिवलिंग का पूजन करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। गुरुवार यानि आज ये व्रत है तो इसलिए इसे गुरु प्रदोष व्रत भी कहा जाता है। तो चलिए जानते हैं इसकी पूजन विधि, उपाय और मंत्र के बारे में।
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पूजन विधि: शाम के समय सूर्यास्त से 15 मिनट पूर्व शिवालय जाकर शिवलिंग का विधिवत पूजन करें। शिवलिंग का पंचामृत, शहद, चंदन मिले जल, दूध से अभिषेक करें। सूर्यास्त के बाद गाय के घी में केसर मिलाकर दीपक करें। पीले कनेर के फूल चढ़ाएं और बेसन के लड्डू का भोग लगाएं।

मंत्र: वृं वृत्ता-वृत्त-कराय नमः शिवाय वृं॥
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उपायः
12 पीले फूल मौली में पिरोकर काले शिवलिंग पर चढ़ाने से दुर्भाग्य से मुक्ति मिलेगी।

शिवलिंग पर पीला कनेर का फूल चढ़ाकर जेब में रखने से गुडलक मिलता है।
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विवाद टालने के लिए शिवलिंग पर चढ़ाकर पपीते के 2 टुकड़े करके गरीबों में बाटें।

ज्योतिष के अनुसार पीले धागे में सफ़ेद फूल पिरोकर शिवलिंग पर चढ़ाने से नुकसान से बचा जा सकता है।
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मान्यता है कि प्रदोष व्रत के दिन शिवलिंग पर मोतीचूर के लड्डूओं का भोग लगाने से करियर में सफलता मिलती है।

पूजा घर में बैठकर शिव चालीसा का पाठ करने से परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
इस छोटे से उपाय से कैसा भी confusion होगा दूर(video)

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