Edited By Jyoti,Updated: 23 May, 2019 03:25 PM
ज्योतिष शास्त्र की मानें तो दिन में एक समय ऐसा होता है जिस में किसी भी प्रकार का शुभ काम करना वर्जित होता होता है। मगर हम में से बहुत से ऐसे लोग होंगे जिन्हें इस बारे में जानकारी नहीं होगी।
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ज्योतिष शास्त्र की मानें तो दिन में एक समय ऐसा होता है जिस में किसी भी प्रकार का शुभ काम करना वर्जित होता होता है। मगर हम में से बहुत से ऐसे लोग होंगे जिन्हें इस बारे में जानकारी नहीं होगी। दरअसल ज्योतिष शास्त्र में इस समय को बकायदा नाम दिया गया है जो है राहुकाल है। जी हां, राहुकाल आप में से बहुत से लोगों ने सुना इसका नाम सुना होगा लेकिन वहीं इन्हीं में से बहुतों को ये नहीं पता होगा कि ये है क्या तो चलिए हम आपको बताते हैं।
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक अगर राहुकाल के दौरान कोई शुभ काम किया जाता है तो उनका सफल परिणाम न के बराबर मिलता है। तो चलिए जानते हैं आख़िर क्या होता है राहुकाल और इसमें शुभ काम करने से क्यों सफलता नहीं मिलती।
अक्सर कुछ लोगों को कहते सुना जाता है कि वे किसी काम को पूरी मेहनत और ऊर्जा के साथ करने पर भी उन्हें सफलता नही मिल पाती। ज्योतिष के अनुसार यह सब इसलिए होता कि उक्त काम को शुभ मुहूर्त में नही किया जाता या फिर राहुकाल में किया गया जाता है। राहुकाल में किए गए कामों में हमेशा असफलता ही प्राप्त होती है और उन कामों के विपरित परिणाम मिलते हैं।
क्यों वर्जित है राहुकाल में शुभकार्य करना-
राहुकाल का समय क्रूर ग्रह राहु के नाम से है जिन्हें एक पाप ग्रह माना जाता है। इसलिए माना जाता है राहुकाल में जो भी काम किए जाते हैं वे काम पाप ग्रस्त होकर असफल हो जाते हैं। इसलिए ज्योतिष विद्वानों के अनुसार इस समय में भूलकर भी शुभ काम न करने की सलाह दी जाती है।
ज्योतिषिय गणना के अनुसार यह काल कभी सुबह, कभी दोपहर तो कभी शाम के समय आता है लेकिन हमेशा सूर्योदय से पूर्व ही पड़ता है। राहुकाल की अवधि दिन (सूर्योदय से सूर्यास्त तक के समय) के आठवें भाग के बराबर होती है। यानि की राहुकाल का समय कुल डेढ़ घंटा का होता है।
दिन के अनुसार ऐसा होता है राहू काल-
रविवार के दिन शाम 4 बजकर 30 से 6 बजे तक।
सोमवार के दिन दूसरा भाग यानि की सुबह 7 बजकर 30 मिनट से सुबह 9 बजे तक।
मंगलवार के दिन दोपहर 3 बजे से शाम 4 बजकर 30 मिनट तक।
बुधवार के दिन दोपहर 12 बजे से 1 बजकर 30 मिनट तक।
गुरुवार के दिन दोपहर 1 बजकर 30 मिनट से 3 बजे तक का समय यानि की दिन का छठा भाग राहुकाल होता है।
शुक्रवार के दिन चौथा भाग यानि की सुबह 10 बजकर 30 मिनट से दोपहर 12 बजे तक का समय राहुकाल होता है।
शनिवार के दिन सुबह 9 बजे से 10 बजकर 30 मिनट तक का समय राहुकाल होता है।